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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
9%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
33%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
11%
फिल्मों को हिट करने के लिए
44%
कुछ बता नहीं सकते
11%
Total count : 9

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1993 के बम धमाकों पर अजमेर विशेष न्यायालय में सुनवाई पूरी

1993 के बम धमाकों पर अजमेर विशेष न्यायालय में सुनवाई पूरी
Pooja Parmar
February 28, 2024

छह दिसंबर, 1993 को लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद और मुंबई की ट्रेनों में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों को लेकर अजमेर स्थित टाडा मामलों के विशेष न्यायालय में सुनवाई पूरी हो गई है। अब 29 फरवरी को फैसला सुनाया जाएगा। इस मामले में आरोपित आतंकी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा, इरफान एवं हमीमुद्दीन जेल में बंद हैं। पहले टुंडा उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद जेल में बंद था, जहां से उसे 24 सितंबर, 2023 को अजमेर लाया गया था । बम धमकों के बाद टुंडा फरार हो गया था, जिसे 2013 में नेपाल सीमा से पकड़ा गया था।

जांच में सामने आया था कि विस्फोट के समय टुंडा आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का विस्फोटक विशेषज्ञ था। मुंबई निवासी जलील अंसारी, नांदेड़ के आजम गौरी और टुंडा ने तंजीम इस्लाम उर्फ मुसलमीन संगठन बनाकर बम धमाके किए थे। दिल्ली पुलिस मुख्यालय के सामने 1996 में हुए बम धमाकों का आरोप भी टुंडा पर है। 2000 में टुंडा के बांग्लादेश में मारे जाने की सूचना सामने आई थी, लेकिन 2005 में दिल्ली में पकड़े गए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी अब्दुल रज्जाक मसूद ने टुंडा के जिंदा होने के बारे में सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी दी थी।

2001 में संसद भवन पर हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से जिन 20 आतंकियों के प्रत्यर्पण की मांग की थी, उनमें टुंडा का नाम भी शामिल था। टुंडा के खिलाफ 33 मामले विभिन्न प्रकार के दर्ज हैं। 1997-98 में उस पर करीब 40 बम धमाके करने का आरोप है। टुंडा उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के कस्बा पिलखुवा का रहने वाला है।

जानकारी के अनुसार वह 1980 में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ और आतंकी संगठनों के संपर्क में आया था। उसी दौरान वह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था। टाडा कानून के तहत पकड़े जाने वाले आरोपितों की सुनवाई के लिए देश में केवल तीन विशेष न्यायालय हैं। ये न्यायालय अजमेर, मुंबई और श्रीनगर में हैं। उत्तर भारत से जुड़े अधिकांश मामलों की सुनवाई अजमेर स्थित टाडा न्यायालय में होती है।

1993 के बम धमाकों पर अजमेर विशेष न्यायालय में सुनवाई पूरी