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जुलाई 2020 में राजस्थान की कांग्रेस पार्टी 2 धड़ो में बंट गई थी, अशोक गहलोत और सचिन पायलट। पायलट खेमा 19 विधायकों के साथ मानेसर पहुंच गया था। उस वक्त भाजपा ने विधानसभा में कांग्रेस से विश्वास प्रस्ताव पेश करने की मांग कर दी थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार पर संकट खड़ा हो गया था, फिर गहलोत सराकर के लिए संकटमोचन बन कर आए 13 निर्दलय विधायकों ने और 6 बसपा के विधायकों ने साथ देकर सरकार गिरने से बचा ली।
कांग्रेस की दूसरी सूची में उन नेताओं को टिकट दिया गया है.. जो गहलोत के संकट में काम आए थे.. कांग्रेस ने लिस्ट में उन पांच निर्दलीय विधायकों को टिकट दिया है। आपको बता दें कि सचिन पायलट ने 2020 में गहलोत सरकार को गिराने की मंशा से बगावत कर दी थी। उस समय 13 निर्दलीय विधायकों और 6 बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों के दम पर सीएम अशोक गहलोत सरकार बचाने में कामयाब हो गए थे। अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 13 में से 5 निर्दलीय विधायक को टिकट दिलवा दिया है। ऐसा माना जा रही है कि बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों को तीसरी लिस्ट में जगह मिल सकती है। निर्दलीय विधायक ओमप्रकाश हुडला, सीएम सलाहकार संयम लोढ़ा, बाबूलाल नागर, लक्ष्मण मीणा और खुशवीर जोजावर को टिकट दिया गया है।
सियासी जानकारों का कहना है कि 2020 में सचिन पायलट ने सरकार को गिराने की पूरी तैयारी ली थी। और पायलट कैंप ने 30 विधायकों का अपने साथ होने का दावा किया था। लेकिन संख्या गणित कम पड़ गई। जानकारों का कहना है कि इसके बाद पायलट ने सुलह करना ही ठीक समझा। दरअसल, पायलट को निर्दलीय और बसपा विधायकों का साथ नहीं मिला था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निर्दलीय और बसपा विधायकों की सूची राज्यपाल को सौंपकर बहुमता सिद्ध करने का दावा पेश कर दिया था। इसके बाद पायलट ने सुलह कर ली और अपने समर्थकों के साथ जयपुर लौट आए।। अब देखना होता है कि आगे की लिस्ट में बाकी नेताओं के नाम देखने को मिलते है या फिर नहीं।