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पाकिस्तानी हैकर्स ने मंगलवार सवेरे राजस्थान शिक्षा विभाग की वेबसाइड को हैक कर लिया. उन्होंने वेबसाइट पर एक पोस्टर अपलोड किया, जिसमें लिखा है- 'पहलगाम कोई हमला नहीं था'. जैसे ही इसकी जानकारी शिक्षा विभाग को लगी तो आईटी विंग एक्टिव हो गया. फिलहाल वेबसाइट को अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया है और रिकवर करने की कोशिश की जा रही है. इस मामले पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर भी बयान सामने आया है. उनका कहना है कि अभी तक कोई संवेदनशील डेटा लीक होने की पुष्टि नहीं है. हम पूरे सिस्टम की व्यापक जांच करा रहे हैं.'
पोस्टर में लिखा है, 'पहलगाम कोई हमला नहीं था. यह एक अंदरूनी साजिश थी. भारतीय सरकार द्वारा एक झूठा झंडा, युद्ध को भड़काने और आस्था के आधार पर विभाजन करने के लिए बनाया गया था. आपने आग लगाई. अब पिघलने के लिए तैयार हो जाइए. अगला प्रहार गोलियों से नहीं होगा, डिजिटल स्ट्राइक से होगा. कोई बॉर्डर नहीं. कोई चेतावनी नहीं. कोई दया नहीं. अपनी आंखें खोलिए. अपने नायकों से सवाल कीजिए. आपकी खुफिया एजेंसियां नकली है. आपकी सुरक्षा काल्पनिक है. काउंट डाउन शुरू हो गया है.' इस पोस्टर में पहलगाम हमले की वायरल तस्वीर को लगाया गया है, जिस पर महिला को पेड एक्टर तक बताया गया है.
यह घटना सोमवार को इसी तरह के साइबर हमले के बाद हुई है, जिसमें हैकरों ने स्थानीय स्वशासन विभाग (डीएलबी) और जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) की वेबसाइटों पर हमला किया था और उन पर पाकिस्तान समर्थक प्रचार लिखा था. उन दोनों वेबसाइटों को तब से बहाल कर दिया गया है. साइबर सुरक्षा एजेंसियां इस वक्त हैकिंग के लिए जिम्मेदार समूह की पहचान करने में जुटी हुई हैं. हालांकि एक पोस्ट में हैकर्स ने खुद के 'पाकिस्तान साइबर फोर्स' का हिस्सा होने का दावा किया है.
शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया कि शिक्षा विभाग की वेबसाइट को जल्द ही बहाल कर दिया जाएगा. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भविष्य में इस तरह की हैकिंग को रोकने के लिए साइबर सुरक्षा को मजबूत किया जाएगा.
सूत्रों का कहना कि यह घटना जियो पॉलिटिकल टेंशन के साथ साइबर वॉर के बढ़ते खतरे को दर्शाती है और सरकारी प्लेटफार्मों पर बढ़ी हुई डिजिटल सुरक्षा की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालती है.
