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अलवर की तिजारा विधानसभा सीट राजस्थान की हॉट सीटों में शामिल हो चुकी है. यहां से सांसद बाबा बालकनाथ को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया है. तो पहले ही दिन से बाबा बालकनाथ हमेशा चर्चा में बने हुए हैं. तिजारा में हुई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभा के बाद पूरे देश में बालक नाथ की चर्चा हो रही है. ऐसे में सबके जहन में यह सवाल आता है कि आखिर बीजेपी के फायरब्रांड नेताओं में शामिल बाबा बालकनाथ का पहनावा योगी आदित्यनाथ की तरह रहता है और लोग उन्हें 'राजस्थान का योगी' भी कहते हैं..
भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी महंत बालकनाथ ने नामांकन दाखिल किया. उसके अनुसार बालकनाथ की आयु 39 वर्ष है. उनके पास नकदी 45 हजार रुपए है. भारतीय स्टेट बैक शाखा पार्लियामेंट हाउस संसद भवन नई दिल्ली में 13 लाख 29 हजार पांच सौ अठावन रुपए (13,29558) जमा है. इसके अलावा एसबीआई तिजारा शाखा में एक अन्य बैंक खाते में 5 हजार की राशि जमा है. इस हिसाब से बैंक में कुल जमा राशि 13, 79,558 की राशि जमा है.
उन्होंने 12वी तक पढ़ाई कर रखी है. बाबा बालकनाथ ने बताया कि बाबा मस्तनाथ मठ अस्थल बोहर, रोहतक का महंत स्वंय की वृत्ति या उपजीविका नहीं है. सांसद का नियमानुसार वेतन व भत्ता प्राप्त होता है. जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में जब उन्होंने नामांकन पत्र दाखिल किया था. उस समय बालकनाथ के पास 3.52 लाख रुपए थे. सांसद का वेतन मिलने के बाद इसमें बढ़ोतरी हुई है. बालकनाथ की शादी नहीं हुई और नाथ संप्रदाय की सबसे बड़ी गद्दी रोहतक स्थित स्थल बोहर के महंत है. इस मठ की रोहतक में यूनिवर्सिटी, कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, स्कूल, हॉस्पिटल सहित बहुत बड़ा साम्राज्य है. स्थल बोहर की गद्दी का जो महंत होता है वो पूरे साम्राज्य का आधिपत्य होता है.
महंत बालकनाथ योगी का जन्म 16 अप्रैल 1984 को राजस्थान के अलवर जिले के कोहराना गांव में एक पिता का नाम सुभाष यादव एवं माता जी किसान परिवार में हुआ था. उनके का नाम उर्मिला देवी है. माता पिता की इकलौती संतान हैं और उनके परिवार में उनके दादाजी फूलचंद यादव और दादी मां संतरो देवी है और साथ ही उनके दो चाचाजी हैं जो कि दोनों डॉक्टर हैं. उनका परिवार बहुत लंबे समय से जनकल्याण और साधु संतों की सेवा करता रहा है. उनके परिवार ने उन्हें मात्र 6 वर्ष की उम्र में अध्यात्म का अध्ययन करने के लिए महंत खेतानाथ के पास भेज दिया था.
महंत खेतानाथ ने ही उन्हें बचपन में गुरुमख नाम दिया था. महंत खेतानाथ से अपनी शिक्षा दीक्षा को लेने के बाद वो महंत चांदनाथ के पास आ गए. महंत चांद नाथ ने उनकी बालक के समान प्रवृत्तियों को देखकर उन्हें बालकनाथ कहना शुरू किया था. महंत चांद नाथ ने उन्हें 29 जुलाई 2016 को अपना उत्तराधिकारी चुना था. महंत बालक नाथ योगी हिंदू धर्म के नाथ संप्रदाय के आठवें संत है. बालक नाथ योगी बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के चांसलर भी है.