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संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म 'एनिमल' के रिलीज के कुछ हफ्ते बाद ही प्रशांत नील की 'सालार' भी रिलीज हो चुकी है. जहां एनिमल ने बॉक्स ऑफिस में धमाल मचाया है और 862 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुकी है. वहीं, सालार ग्लोबली सबसे ज्यादा ओपिनिंग वाली फिल्म बन चुकी है. दोनों फिल्मों का जॉनर एक्शन है और दोनों ही फिल्में एक्शन से भरपूर हैं. तो चलिए एक नजर डालते हैं कि दोनों फिल्मों के एक्शन में क्या फर्क है? और कैसे एक जैसी होने के बावजूद दोनों एक-दूसरे से काफी अलग हैं.
'एनिमल' और 'सालार' दोनों हैं खूंखार, फिर भी क्या है फर्क
दोनों फिल्मों के लीड कैरेक्टर खूंखार हैं. जब वो दुश्मन पर बरसते हैं तो किसी जंगली जानवर की तरह. लेकिन दोनों में एक बारीक सा फर्क है. एनिमल का लीड कैरेक्टर भूखा जंगली जानवर लगता है. तो वहीं सालार का लीड कैरेक्टर मजबूरी में या उकसाने पर और जरूरत पड़ने पर ही उलझता है.
दोनों किरदारों के नेचर में है बड़ा अंतर
जहां 'एनिमल' का लीड कैरेक्टर मिसॉजिनिस्ट है. वो पुरुषवादी सोच का है. उसकी नजर में महिलाएं दोयम दर्जे की हैं. तो वहीं, सालार का लीड कैरेक्टर ऐसा नहीं है. वो महिलाओं की इज्जत करता है. फिल्म में उसे एक महिला की रक्षा करने के लिए 25 से ज्यादा लोगों को मारते देखा जा सकता है. सालार की पकड़ से लोहे के आकार में भी बदलाव होता दिखता है.
दोनों के एक्शन में भी है फर्क
अगर एक्शन की बात करें तो 'एनिमल' और 'सालार' दोनों ही एक बार में सैकड़ों लोगों को मारते हैं. लेकिन, फिर भी दोनों के एक्शन में फर्क है. वो फर्क उनके फिल्मांकन और साउंड इफेक्ट का है. 'एनिमल' के एक्शन लार्जर दैन लाइफ होने के बावजूद रॉ हैं. तो वहीं 'सालार' पूरी तरह से लार्जर दैन लाइफ है.
पर्दे पर कौन लगता है ज्यादा विध्वंसक?
आपने अगर 'एनिमल' देखी होगी तो होटल का वो सीन जरूर याद होगा जहां रणबीर कपूर कुल्हाड़ी से दुश्मनों को मारते दिखते हैं. इसमें कोई शक नहीं है कि पर्दे में ऐसा करते हुए रणबीर अच्छे लगते हैं. लेकिन 'सालार' इस मामले में उनसे ज्यादा खतरनाक और विध्वंसक लगता है. वो जब दुश्मन के बॉडी पार्ट्स उनसे छीनता है तो ज्यादा घातक लगता है.
बॉलीवुड हंगामा के मुताबिक, प्रशांत नील ने अपने एक इंटरव्यू में बोला भी है कि वो 'सालार' के जरिए एक ऐसी खूंखार दुनिया दिखाना चाहते थे जो हद से ज्यादा क्रूर है.