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महाराणा प्रताप जयंती समारोह में सीएम शिवराज बोले- हमारा धर्म है आतंकवादियों को समाप्त करना; लव जिहाद, धर्मांतरण करने वालों को छोड़ेंगे नहीं
The Fact India: मौका था महाराणा प्रताप जयंती समारोह। आयोजन स्थल मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल। इस कार्यक्रम में शामिल होने आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा कि आतंकियों को समाप्त करना हमारा धर्म है। लव जिहाद और धर्मांतरण की ओर ले जाने वाले को छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि कई षड्यंत्रकारी इस देश और सनातान संस्कृति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
भोपाल के लाल परेड ग्राउंड के पास मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में महाराणा प्रताप जयंती समारोह के अवसर पर प्रदेशभर से समाज के लोग जुटे थे। मुख्यमंत्री को महाराणा प्रताप के वंशज डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने हल्दी घाटी की मिट्टी भेंट की। सीएम ने कहा कि हल्दी घाटी की माटी से पवित्र हिंदुस्तान में और कुछ नहीं। ये माटी भारत के शौर्य और वीरता की प्रतीक है। इसका मान, सम्मान कभी जाने नहीं दूंगा, जान भले चली जाए। ये माटी महाराणा प्रताप के शौर्य की याद दिलाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वीर योद्धा महाराणा प्रताप की जयंती के दिन मध्य प्रदेश सरकार ने छुट्टी घोषित कर कोई उपकार नहीं किया। हमने ऋण उतारा है।
सोमवार को भोपाल के लाल परेड ग्राउंड के पास मोतीलाल नेहरू स्डेडियम में आयोजित कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने कहा कि पिछले दिनों ऐसा संगठन पकड़ा गया, जो लव जिहाद, फिर धर्मांतरण और बाद में आतंकवाद की ओर ले जाने का काम करता था। सभी पकड़ लिए गए। जमात-ए-मुजाहिदीन (जेएमबी) के आतंकवादी थे। उन्होंने कहा कि राणा प्रताप के चरणों में प्रणाम कर संकल्प लेता हूं कि ऐसे लोग किसी भी कीमत पर छोड़े नहीं जाएंगे। हम केवल आतंकवाद के खिलाफ हैं। आतंकवादियों से लड़ना, उनको समाप्त करना, यह हमारा धर्म है। हम ऐसी सारी व्यवस्थाएं बनाएंगे।
मुख्यमंत्री ने मंच से घोषणा करते हुए कहा कि महाराणा प्रताप को आने वाली पीढ़ियां पढ़ पाएं, इसके लिए मध्य प्रदेश की पाठ्य पुस्तकों में उनकी वीरताओं की कहानियां पढ़ाई जाएंगी। भोपाल में महाराणा प्रताप, चेतक और उनके दूसरे सहयोगियों का भव्य स्मारक बनाया जाएगा। सभी के जीवन-दर्शन को चित्रित किया जाएगा। कई कल्याणकारी काम होते रहें, इसलिए राणा कल्याण बोर्ड का गठन भी हम करेंगे। बोर्ड में मार्गदर्शन के लिए महाराणा प्रताप के वंशज से स्वीकृति मांगी।