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Vote / Poll
BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?
अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
30%
10%
90%
70%
Total count : 138
Vote / Poll
डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?
अजय सिंह किलक
शिव देशवाल
अन्य
56%
26%
18%
Total count : 7524
Vote / Poll
कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?
सिद्देरमैया
डीके शिवकुमार
मल्लिकार्जुन खड़गे
बता नहीं सकते
67%
13%
13%
7%
Total count : 15
Vote / Poll
फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?
समुदाय विशेष को टारगेट करना
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
फिल्मों को हिट करने के लिए
कुछ बता नहीं सकते
33%
11%
44%
11%
Total count : 9
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पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस के खिलाफ एक महिला ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। इसपर विवाद गहराता जा रहा है। मामले में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। इस बीच, पुलिस ने आरोपों की जांच शुरू कर दी है।
जांच टीम का गठन
कोलकाता पुलिस के सेंट्रल डिवीजन की डिप्टी कमिश्नर (डीसी) इंदिरा मुखर्जी ने कहा, 'राज्यपाल के खिलाफ छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। इस मामले में एक जांच टीम का गठन किया गया है। हम अगले कुछ दिनों में कुछ संभावित गवाहों से बात करेंगे। साथ ही सीसीटीवी फुटेज के लिए अनुरोध किया गया है।'
यह है मामला
कोलकाता के राजभवन में एक संविदा कर्मचारी ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। उन्होंने गुरुवार की शाम कोलकाता के हरे स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। उनका दावा है कि राज्यपाल ने उनके साथ दो बार छेड़खानी की। पहली बार 24 अप्रैल को फिर गुरुवार शाम को। महिला का आरोप है कि राज्यपाल ने उन्हें बायोडाटा के साथ राजभवन स्थित अपने चेंबर में आने को कहा था, जहां उनके साथ छेड़खानी की गई। उन्होंने पहले राजभवन में स्थित आउटपोस्ट में तैनात पुलिसकर्मियों से इसकी शिकायत की। वहां से उन्हें थाने में जाने को कहा गया। पुलिस की ओर से महिला का परिचय गोपनीय रखा गया है। पता चला है कि महिला 2019 से राजभवन में अस्थायी रूप से कार्यरत है। वह राजभवन परिसर में स्थित हॉस्टल में रहती हैं।
कोलकाता पुलिस के सेंट्रल डिवीजन की डिप्टी कमिश्नर (डीसी) इंदिरा मुखर्जी ने कहा, 'राज्यपाल के खिलाफ छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। इस मामले में एक जांच टीम का गठन किया गया है। हम अगले कुछ दिनों में कुछ संभावित गवाहों से बात करेंगे। साथ ही सीसीटीवी फुटेज के लिए अनुरोध किया गया है।'
यह है मामला
कोलकाता के राजभवन में एक संविदा कर्मचारी ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। उन्होंने गुरुवार की शाम कोलकाता के हरे स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। उनका दावा है कि राज्यपाल ने उनके साथ दो बार छेड़खानी की। पहली बार 24 अप्रैल को फिर गुरुवार शाम को। महिला का आरोप है कि राज्यपाल ने उन्हें बायोडाटा के साथ राजभवन स्थित अपने चेंबर में आने को कहा था, जहां उनके साथ छेड़खानी की गई। उन्होंने पहले राजभवन में स्थित आउटपोस्ट में तैनात पुलिसकर्मियों से इसकी शिकायत की। वहां से उन्हें थाने में जाने को कहा गया। पुलिस की ओर से महिला का परिचय गोपनीय रखा गया है। पता चला है कि महिला 2019 से राजभवन में अस्थायी रूप से कार्यरत है। वह राजभवन परिसर में स्थित हॉस्टल में रहती हैं।
राज्यपाल बोले- अभी बहुत कुछ होने वाला है
हालांकि, राज्यपाल बोस ने आरोपों का खंडन किया है। राजभवन ने शुक्रवार को राज्यपाल का एक रिकॉर्ड बयान जारी किया था। इसमें तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए राज्यपाल ने कहा था, 'कोई भी टीएमसी के भ्रष्टाचार और हिंसा पर लगाम लगाने के मेरे प्रयासों को रोक नहीं सकता है। मेरे प्रयास दृढ़ हैं। बयान में उन्होंने आगे कहा कि मैं कुछ राजनीतिक ताकतों द्वारा लगाए गए आरोपों का स्वागत करता हूं। मैं जानता हूं कि अभी और भी बहुत कुछ होने वाला है। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि कोई मुझे इन बेतुके आरोपों से नहीं रोक सकता है। उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा लग रहा है कि मुझे एक दिन 1943 की बंगाल फेमिन के साथ-साथ 1946 में कलकत्ता में हुई हत्याओं के लिए भी दोषी ठहराया जाएगा।'
हालांकि, राज्यपाल बोस ने आरोपों का खंडन किया है। राजभवन ने शुक्रवार को राज्यपाल का एक रिकॉर्ड बयान जारी किया था। इसमें तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए राज्यपाल ने कहा था, 'कोई भी टीएमसी के भ्रष्टाचार और हिंसा पर लगाम लगाने के मेरे प्रयासों को रोक नहीं सकता है। मेरे प्रयास दृढ़ हैं। बयान में उन्होंने आगे कहा कि मैं कुछ राजनीतिक ताकतों द्वारा लगाए गए आरोपों का स्वागत करता हूं। मैं जानता हूं कि अभी और भी बहुत कुछ होने वाला है। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि कोई मुझे इन बेतुके आरोपों से नहीं रोक सकता है। उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा लग रहा है कि मुझे एक दिन 1943 की बंगाल फेमिन के साथ-साथ 1946 में कलकत्ता में हुई हत्याओं के लिए भी दोषी ठहराया जाएगा।'
इसलिए नहीं हो रहा मामला दर्ज
अधिवक्ता संजय हेगड़े ने बताया, 'संविधान के अनुच्छेद 361 के अनुसार राज्यपाल और राष्ट्रपति को अपने संवैधानिक कर्तव्यों का पालन करते हुए अदालत में किसी भी बात का जवाब देने से छूट है। हालांकि यह कानून का साफ सवाल है जिस पर अभी फैसला नहीं लिया गया है कि क्या कुछ भी जो उन कर्तव्यों के दायरे से बाहर है, वह भी प्रतिरक्षा खंड के अंतर्गत आता है।'
छेड़छाड़ मामले को लेकर कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि शिकायत की जांच की जा सकती है। अनुच्छेद 361 (2) में, यह कहा गया है कि कानून की अदालत में राष्ट्रपति और राज्यपाल के खिलाफ आपराधिक मामला शुरू नहीं किया जा सकता है। लेकिन, एफआईआर पुलिस द्वारा दर्ज की जाती है। इसलिए तकनीकी रूप से पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर जांच कर सकती है।
अधिवक्ता संजय हेगड़े ने बताया, 'संविधान के अनुच्छेद 361 के अनुसार राज्यपाल और राष्ट्रपति को अपने संवैधानिक कर्तव्यों का पालन करते हुए अदालत में किसी भी बात का जवाब देने से छूट है। हालांकि यह कानून का साफ सवाल है जिस पर अभी फैसला नहीं लिया गया है कि क्या कुछ भी जो उन कर्तव्यों के दायरे से बाहर है, वह भी प्रतिरक्षा खंड के अंतर्गत आता है।'
छेड़छाड़ मामले को लेकर कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि शिकायत की जांच की जा सकती है। अनुच्छेद 361 (2) में, यह कहा गया है कि कानून की अदालत में राष्ट्रपति और राज्यपाल के खिलाफ आपराधिक मामला शुरू नहीं किया जा सकता है। लेकिन, एफआईआर पुलिस द्वारा दर्ज की जाती है। इसलिए तकनीकी रूप से पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर जांच कर सकती है।