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सीएम शिवराज ने मंत्री भूपेंद्र, भार्गव, गोविंद सिंह की ली क्लास; बोले- सार्वजनिक बयानबाजी करने से बचें, मिलकर चुनाव की तैयारी करें
The Fact India: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले पार्टियों की अंदरूनी लड़ाई शुरू हो गई है। भाजपा के तीन मंत्री और दो विधायकों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सख्त हिदायत दी है। सार्वजनिक बयानबाजी से बचने और मिलकर विधानसभा चुनाव की तैयारी करने की बात कही है। जिन मंत्रियों और विधायकों को सीएम चौहान ने तलब किया है, उनमें पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव, नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह, परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के साथ सागर विधायक शैलेंद्र जैन और नरयावली विधायक प्रदीप लारिया हैं।
तीनों मंत्री सोमवार मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर पहुंचे। यहां सीएम शिवराज ने करीब एक घंटे तक उनके साथ बैठक की। सीएम ने सख्त हिदायत देते हुए मंत्रियों से कहा कि सार्वजनिक तौर पर कोई भी ऐसी बात न कहें, जिससे जनता और कार्यकर्ताओं में गलत मैसेज जाए। सोशल मीडिया पर भी विरोधाभाषी टिप्पणियां करने से बचें। उन्होंने तीनों मंत्रियों से कहा कि कार्यकर्ताओं और करीबियों को भी समझाएं कि सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी न करें। केंद्र सरकार के नौ साल पूरे होने पर चल रहे विशेष जनसंपर्क अभियान में भागीदारी निभाएं।
बैठक के बाद मंत्री भूपेंद्र सिंह और गोविंद राजपूत ने चुप्पी साध ली है। कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। हालांकि विवाद की खबरों को मंत्री गोपाल भार्गव ने निराधार बताया था। वहीं, विधायक प्रदीप लारिया ने कहा कि हम क्षेत्र के विकास की चर्चा करने गए थे। इसे बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया है। विवाद जैसी बात नहीं है। सीएम शिवराज सिंह के साथ हुई बैठक के संबंध में पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि क्षेत्र के विकास के संबंध में हम सभी सागर जिले के विधायक, मंत्री गण मुख्यमंत्री से मिलने गए थे। विकास से जुड़े विषयों पर चर्चा हुई है। इसके अलावा कोई बात नहीं हुई।
दरअसल, सागर में मंत्रियों के बीच का विवाद बढ़ता जा रहा था। पिछले महीने कैबिनेट की बैठक के बाद सागर के मंत्रियों गोपाल भार्गव, गोविंद सिंह राजपूत ने जिलाध्यक्ष गौरव सिरोठिया, विधायक शैलेंद्र जैन और प्रदीप लारिया के साथ मंत्री भूपेंद्र सिंह की शिकायत की थी। भूपेंद्र सिंह पर उनके (भार्गव-गोविंद सिंह) विरोधियों के प्रश्रय देने का आरोप लगाया गया था। इसके अलावा सागर में बिना उनसे (भूपेंद्र) पूछे कोई काम नहीं हो रहा। छवि भी जानबूझकर खराब की जा रही है।
सागर के हालात ठीक नहीं हैं। भूपेंद्र सिंह से नाराज गुट ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को अल्टीमेटम देते हुए कह दिया था कि यदि सागर के ऐसे ही हालात रहते हैं, तो वे सामूहिक इस्तीफा दे देंगे। करीब पौन घंटे तक मुख्यमंत्री ने तमाम मसलों पर भार्गव-राजपूत की बात सुनी। सीएम ने भरोसा दिया कि वे जल्द ही इस मसले पर बात करेंगे।