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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
10%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
33%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
11%
फिल्मों को हिट करने के लिए
44%
कुछ बता नहीं सकते
11%
Total count : 9

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नसीरुद्दीन शाह ने फिल्म अवॉर्ड्स की तुलना अपने वॉशरूम के हैंडल से की; कहा- फिल्मी सम्मान लॉबिंग का नतीजा, मेरे लिए कोई मतलब नहीं

नसीरुद्दीन शाह ने फिल्म अवॉर्ड्स की तुलना अपने वॉशरूम के हैंडल से की; कहा- फिल्मी सम्मान लॉबिंग का नतीजा, मेरे लिए कोई मतलब नहीं
Santosh Pandey
June 4, 2023

The Fact India: बॉलीवुड अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने फिल्‍म अवॉर्ड की तुलना अपने वॉशरूम के हैंडल से की है। बॉलीवुड में मिलने वाले अवॉर्ड्स पर तंज कसते हुए कहा कि मेरे लिए इन अवॉर्ड्स का अब कोई मतलब नहीं है। ये लॉबिंग से मिलते हैं। अब तो ऐसे लोगों को भी अवॉर्ड मिल जाते हैं जो उस लायक होते ही नहीं। उन्‍होंने आगे कहा कि फिल्मफेयर अवॉर्ड्स में मिलने वाली ट्रॉफी को मैं वॉशरूम के हैंडल के तौर पर यूज करता हूं। मेरे घर के वॉशरूम में अगर कोई जाएगा तो उसे दरवाजे पर फिल्मफेयर की दो ट्रॉफियां हैंडल के रूप में लटकी मिलेंगीं।

 

बता दें कि अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने मुंबई में एक फार्महाउस बनवाया है। वहां के दरवाजों पर जो हैंडल लगे हुए हैं, वे सभी उन्हें मिलने वाली ट्रॉफियों से बनाए गए हैं। शाह से इसी संबंध में सवाल किए गए थे। उन्होंने एक मीडिया हाउस से बात करते हुए कहा कि इन अवॉर्ड्स का अब मेरे लिए कोई मायने नहीं रह गया है। पहले इनको जीतने पर खुशी मिलती थी। कुछ वक्त बाद एहसास हुआ कि ये अवॉर्ड्स लॉबिंग का नतीजा हैं। अब तो उन लोगों को भी अवॉर्ड्स मिलने शुरू हो गए जो इसके लायक ही नहीं हैं। इसके बाद ही मेरा इन अवॉर्ड्स से नाता टूटने लगा।

 

शाह ने कहा कि मेरे पिता को लगता था कि मैं जिंदगी में कुछ नहीं कर पाउंगा। वह मुझे बेवकूफ समझते थे। उनकी चाहत नहीं थी कि मैं एक्टिंग में करियर बनाऊं। जब मुझे पद्मश्री और पद्म भूषण मिला तो मुझे अपने पिता की याद आई। मैं राष्ट्रपति भवन में इन पुरस्कारों को लेने के लिए जा रहा था, तो बार-बार पिता की वो बातें जेहन में आ रही थीं। मैं आसमान की तरफ देख कर पिता से यही कहता कि क्या आपको ये लम्हा दिखाई दे रहा है। खैर, वे जहां होंगे उन्हें खुशी ही हुई होगी। पद्म अवॉर्ड्स मिलना मेरे लिए खुशी की बात थी, लेकिन इन फिल्मी अवॉर्ड्स का मेरे लिए कोई मतलब नहीं है।

 

नसीरुद्दीन शाह का कहना है कि मुझे इन अवॉर्ड्स का कॉन्सेप्ट समझ में नहीं आता है। मेहनत तो सभी कलाकार करते हैं, लेकिन साल के सबसे बेस्ट एक्टर की ट्रॉफी सिर्फ एक एक्टर को पकड़ा दी जाती है। ये सही नहीं है। पिछले दो अवॉर्ड्स को मैं लेने तक नहीं गया। इसलिए मैंने एक फार्महाउस बनवाया और वहां के वॉशरूम में इन अवॉर्ड्स को रखने का फैसला किया।

नसीरुद्दीन शाह ने फिल्म अवॉर्ड्स की तुलना अपने वॉशरूम के हैंडल से की; कहा- फिल्मी सम्मान लॉबिंग का नतीजा, मेरे लिए कोई मतलब नहीं

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