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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
10%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
33%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
11%
फिल्मों को हिट करने के लिए
44%
कुछ बता नहीं सकते
11%
Total count : 9

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जनसंघर्ष यात्रा के दूसरे दिन सचिन पायलट बोले- भ्रष्टााचार की जांच की बात करना अनुशासनहीनता कैसे, मैं छुपा-छुपी का गेम नहीं खेलता

जनसंघर्ष यात्रा के दूसरे दिन सचिन पायलट बोले- भ्रष्टााचार की जांच की बात करना अनुशासनहीनता कैसे, मैं छुपा-छुपी का गेम नहीं खेलता
Santosh Pandey
May 12, 2023

The Fact India: राजस्‍थान के पूर्व उपमुख्‍यमंत्री सचिन पायलट ने शनिवार को दूसरे दिन करीब 25 किलोमीटर की यात्रा पूरी की। पायलट की यह यात्रा पेपरलीक और करप्शन के खिलाफ है। बड़ी संख्‍या में समर्थक पायलट के साथ रहे। दूसरे दिन भी मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत पर सचिन पायटल ने हमला बोला। वहीं, पायलट की यात्रा को लेकर प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित अन्य नेताओं के साथ इस मामले पर मीटिंग की है। रंधावा इस मामले में खड़गे को एक रिपोर्ट सौंपेंगे।

 

शुक्रवार सुबह 8 बजे अजमेर जिले के किशनगढ़ टोल से यात्रा की शुरुआत हुई थी। करीब 11 किलोमीटर की यात्रा पूरी करने के बाद बिड़ला पब्लिक स्कूल, बांदर सिंदरी के पास विश्राम हो गया। शाम 4 बजे बिड़ला स्कूल से दोबारा यात्रा शुरू हुई है। शाम करीब साढ़े 7 बजे गेजी मोड़, पड़ासौली में आज की यात्रा खत्म हो गई। यहीं पर पायलट रात्रि विश्राम करेंगे। उनकी यात्रा अजमेर से जयपुर जिले में प्रवेश कर चुकी है।

 

अपने दूसरे दिन की जनसंघर्ष यात्रा के दौरान पायलट ने गहलोत खेमे की तरफ से लगाए जा रहे आरोप पर भी तीखा पलटवार किया है। पायलट ने अनुशासनहीनता के आरोपों पर कहा कि वसुंधरा राजे के राज के वक्त हुए भ्रष्‍टाचार की जांच की बात उठाना अनुशासनहीनता कैसे हो गया?
सचिन पायलट ने कहा कि मैंने जब अनशन किया तो वसुंधरा राजे की शासन काल में हुए भ्रष्‍टाचार के खिलाफ किया। मुझे समझ में नहीं आता कि यह पार्टी के अनुशासन को लांघने का केस कैसे बनता है? अनुशासन तोड़ने का काम तो 25 सितंबर को किया गया था, जब सोनिया गांधी के स्पष्ट आदेश थे कि दोनों पर्यवेक्षक विधायक दल की बैठक करवाने आ रहे हैं।

 

मुख्यमंत्री निवास पर बैठक रखने के बावजूद वह क्यों नहीं हो पाई? बाद में विधायकों ने इस्तीफे दिए। स्पीकर ने कोर्ट में कहा कि इस्तीफे रिजेक्ट इसलिए करने पड़े क्योंकि विधायकों ने खुद की मर्जी से नहीं दिए थे। फिर किसकी मर्जी से दिए गए थे? क्या दबाव था? जहां तक बात अनुशासन की है तो मापदंड सबके लिए बराबर होना चाहिए। जब हमारे साथी विधायकों ने इस्तीफे दिए, तब क्या सरकार संकट में नहीं आ गई थी।

 

उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के इतिहास में पहली बार यह हुआ कि कांग्रेस अध्यक्ष के आदेश पर आने वाले पर्यवेक्षकों की बेइज्जती हुई। फिर मीटिंग का न होना और खाली हाथ लौटा दिया जाना, यह क्‍या है। नोटिस भी जारी किए गए लेकिन उनका अभी तक कुछ हुआ, नहीं मुझे लगता है उस बात का भी संज्ञान लेना चाहिए।

 

पायलट ने कहा- हम जब दिल्ली गए थे अपनी बात रखने के लिए, हम में से किसी साथी ने इस्तीफा दिया क्या? हमने कब पार्टी के खिलाफ बात रखी? कब सोनिया गांधी के खिलाफ बात की। पार्टी ने जो कहा उसका हमने सम्मान किया। पार्टी ने जब जो कहा हमने उसको स्वीकार किया। पार्टी ने दोनों पद छोड़ने को कहा तो माना। हमारी मांगों पर बनी कमेटी किसी नेता ने नहीं पार्टी ने बनाई थी। हमने हर चुनाव में प्रचार किया, ‌भाजपा को हराया। पार्टी के खिलाफ एक काम नहीं किया।

 

राजस्‍थान के सियासी गलियारों में चर्चा है कि 11 जून को सचिन पायलट कांग्रेस छोड़ रहे हैं। इस अटकलों के सवाल पर पायलट ने कहा कि आप सबको अटकलें लगाने की जरूरत नहीं है। मैं जो भी कहता करता हूं सबके सामने रखकर करता हूं। मैं छुपा-छुपी का गेम नहीं खेलता हूं। उन्‍होंने कहा कि मेरी मांग सामूहिक है, व्यक्तिगत नहीं है। मेरा घोर विरोधी भी निष्ठा और ईमानदारी पर अंगुली नहीं उठा सकता। इस बार का विधानसभा चुनाव गहलोत के नेतृत्व में लड़ने के सवाल पर पायलट ने कहा कि जब पार्टी सत्ता में होती है तो मुख्यमंत्री ही चेहरा होता है। जब भाजपा सरकार में थी तो चेहरा वसुंधरा जी थीं या अशोक परनामी थे। स्वाभाविक है वसुंधरा राजे ही चेहरा थीं।

जनसंघर्ष यात्रा के दूसरे दिन सचिन पायलट बोले- भ्रष्टााचार की जांच की बात करना अनुशासनहीनता कैसे, मैं छुपा-छुपी का गेम नहीं खेलता

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