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एक बार फिर राजस्थान की तरफ से बगावत की आहट से परेशान कांग्रेस हाईकमान संगठन को मजबूत बनाने की कोशिश कर रहा है. प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के तेवर देखने के बाद काग्रेस पार्टी रायशुमारी करने जा रही हैं. 17, 18 और 20 अप्रैल को अलग-अलग संभाग के विधायकों के साथ वन टू वन चर्चा प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेताओं ने शुरू कर दी है. पायलट ने पिछली वसुंधरा सरकार के समय हुए भ्रष्टाचार और घोटालों की जांच नहीं करवाने के आरोप सीएम गहलोत की सरकार पर लगाए हैं. पायलट ने कांग्रेस सरकार रिपीट करने के लिए इन घोटालों की जांच कर कार्रवाई करने की बात को जरूरी बताया है.
सचिन पायलट की प्रेसवार्ता और अनशन करने के बाद कांग्रेस हाईकमान के निर्देश पर ही विधायकों के मन की बात अकेले में और एक-एक कर व्यक्तिगत रूप से जानने का कार्यक्रम संभागवार रखा गया है. ताकि ग्राउंड रियलिटी का पता कांग्रेस हाईकमान को लग सके. हाईकमान जानना चाहती है कि राजस्थान में कांग्रेस और पार्टी की सरकार कितने पानी में है. जनता के बीच सरकार की क्या धारणा है. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रिपीट करने के लिए कौन से ऐसे काम हैं जो चुनाव से पहले करने जरूरी हैं.
जैसा कि, आप जानते हैं ये हलचल सचिन पायलट की वजह से ही हुई है. जो पार्टी में बड़ा स्थान रखते हैं.पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट पूर्व सांसद और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष भी हैं. साथ ही टोंक से मौजूदा कांग्रेस विधायक हैं. प्रेस वार्ता और अनशन के जरिए गहलोत सरकार को जनता और कांग्रेस पार्टी में घेरने के बाद जो फीडबैक और वर्कशॉप हो रही है. इसमें सचिन पायलट की उपस्थिति भी अपेक्षित है. लेकिन बड़ा सवाल उठ रहा है कि, क्या पायलट प्रभारी रंधावा, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपना फीडबैक देने इस प्रोग्राम में आएंगे ? क्योंकि सीएम गहलोत पर ही पायलट ने आरोप लगाए हैं और प्रभारी रंधावा सचिन पायलट पर कार्रवाई की बात मीडिया में कह चुके हैं. अब पायलट इन्हीं नेताओं के सामने अपना दुखड़ा बताएंगे या कांग्रेस हाईकमान से ही सीधे बात करेंगे ये बड़ा सवाल है. अगर पायलट फीडबैक प्रोग्राम में नहीं पहुंचते हैं तो पार्टी हाईकमान तक गलत मैसेज जा सकता है. ऐसे में क्या सचिन पायलट खुलकर अपनी बात फीडबैक प्रोग्राम और वर्कशॉप में रखेंगे या सिर्फ हाजिरी लगाकर उपस्थिति दर्ज कराएंगे ? यह भी चर्चा का विषय है. इस पूरे फीडबैक प्रोग्राम में पायलट की उपस्थिति यह भी बताएगी कि, हाईकमान से उन्हें क्या दिशा निर्देश दिए गए हैं. विधायक और जनप्रतिनिधि भी मौजूदा कांग्रेस सरकार का आईना दिखाएंगे.