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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
9%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
33%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
11%
फिल्मों को हिट करने के लिए
44%
कुछ बता नहीं सकते
11%
Total count : 9

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Sawan Somvar 2023 : 19 साल बाद बना संयोग, होंगे 8 सावन सोमवार व्रत

The Fact India : साल 2023 में सावन (Sawan Somvar 2023) का महीना 4 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त का चलेगा। कुल मिलाकर सावन के महीने में 59 दिन होंगे। 18 जुलाई से 16 अगस्त तक सावन अधिकमास रहेगा। जिसे मलमास भी कहा जाता है। हिंदू पंचांग अनुसार हर तीन साल में एक समय ऐसा आता है जब साल 12 नहीं बल्कि 13 महीनों का होता है। 2020 के बाद अब 2023 में ऐसा होने जा रहा है। इस साल हिंदू वर्ष में 13 महीने होंगे। क्योंकि इस साल सावन के महीने में अधिक मास लगने जा रहा है। साथ ही 19 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है जब सावन एक नहीं बल्कि 2 महीने का होगा। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि 2023 इस बार 12 महीने के बजाए 13 महीनों का होगा। दरअसल अधिकमास के चलते साल ऐसा संभव है। इस वर्ष शिव आराधना के लिए सबसे पवित्र माह सावन का महीना 30 दिनों के बजाय 59 दिनों का होगा। यानी सावन का महीना दो माह तक रहेगा। इसी के चलते सावन के महीने में 8 सावन सोमवार व्रत आएंगे। इस तरह का संयोग 19 साल बाद दोबारा बनेगा जब सावन का महीना 59 दिनों को होगा। अधिकमास के चलते साल 2023 में आने वाले कई प्रमुख व्रत और त्योहार 15 से 20 दिनों के लिए आगे बढ़ जाएंगे।

Ekadashi 2023 : अधिक मास की वजह से 2023 में 24 की बजाय रहेंगी 25 एकादशी

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस बार नए वर्ष 2023 में हिंदू कैलेंडर का 13वां महीना मिलेगा, जिसमें अधिकमास शामिल होगा। विक्रम संवत 2080 में पड़ने वाले अधिकमास के कारण सावन दो महीने का होगा। जो 59 दिन तक रहेगा। खास बात यह है कि यह संयोग 19 साल बाद बन रहा है। हर तीन साल पर एक अतिरिक्त मास होता है, जिसे अधिकमास या मलमास कहलाता है। इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार इस बार 18 जुलाई से 16 अगस्त तक मलमास रहेगा। श्रावण मास के दौरान अधिकमास पड़ रहा है, इसलिए उस दौरान पूजा-अर्चना करने से भगवान हरि के साथ ही भोलेनाथ की भी जमकर कृपा बरसेगी।

अधिकमास की गणना
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि साल 2023 में सावन (Sawan Somvar 2023) का महीना 4 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त का चलेगा। कुल मिलाकर सावन (Sawan Somvar 2023) के महीने में 59 दिन होंगे। 18 जुलाई से 16 अगस्त तक सावन अधिकमास रहेगा। जिसे मलमास भी कहा जाता है। दरअसल वैदिक पंचांग की गणना सौरमास और चंद्रमास के आधार पर होती है। एक चंद्रमास 354 दिनों का जबकि एक सौरमास 365 दिनों का होता है। इस तरह से इन दोनों में 11 दिन का अंतर आ जाता है और तीसरे वर्ष 33 दिनों का अतिरिक्त एक माह बन जाता है। इस 33 दिनों के समायोजन को ही अधिकमास कहा जाता है। अधिकमास को मलमास और पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं। वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार जिस महीने इन अतिरिक्त 33 दिनों का समायोजन होता है उसमें इनकी संख्या लगभग दोगुनी हो जाती है। साल 2023 में अधिकमास के दिनों का समायोजन सावन के महीने में होगा इस कारण से सावन का महीना 2 महीनों का होगा। इस तरह का संयोग 19 वर्षो के बाद बन रहा है।

ऐसे बनता है अधिकमास
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि दरअसल, सूर्य मास और चंद्र मास की गणना से ही हिंदू कैलेंडर यानी पंचाग बनता है। अधिकमास चंद्र वर्ष का एक अतिरिक्त भाग है जो हर 32 माह, 16 दिन और 8 घटी के अंतर से आता है। इसका आगमन सूर्य वर्ष और चंद्र वर्ष के बीच अंतर का संतुलन बनाने के लिए होता है। भारतीय गणना पद्धति के अनुसार प्रत्येक सूर्य वर्ष 365 दिन और करीब 6 घंटे का होता है। वहीं चंद्र वर्ष 354 दिनों का माना जाता है। दोनों वर्षों के बीच 11 दिनों का अंतर होता है जो हर तीन वर्ष में लगभग एक मास के बराबर होता है। जब सूर्य राशि बदलते हुए एक राशि से दूसरे राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे संक्रांति कहते हैं। सौर मास में 12 संक्रांति और 12 राशियां होती है, लेकिन जिस माह में संक्रांति नहीं होती है तब अधिकमास या मलमास होता है। अधिकमास, पुरुषोत्तम मास या मलमास में शुभ कार्य वर्जित होते हैं क्योंकि यह मास मलिन होता है। इसलिए इसे मलमास कहते हैं।

नहीं होंगे शुभ कार्य
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि मलमास में विवाह जैसे कई कार्यों पर रोक रहती है। इसके अलावा नया व्यवसाय भी शुरू नहीं किया जाता। इस मास में कर्णवेध, मुंडन आदि कार्य भी वर्जित माने जाते हैं। इस बार मलमास के कारण सावन दो महीने तक रहेगा। यह संयोग 19 साल बाद आ रहा है। ऐसे में दो महीने तक भोले की भक्ति विशेष फलदायी रहेगी। सूर्य और चंद्र वर्ष के बीच के अंतराल को मलमास संतुलित करता है। इस मास में शुभ कार्यों को वर्जित माना गया है। ऐसे में गृह प्रवेश, मुंडन जैसे शुभ कार्य नहीं होंगे।
2023 के सावन महीने में कुल 8 सावन सोमवार
सावन का पहला सोमवार- 10 जुलाई
सावन का दूसरा सोमवार- 17 जुलाई
सावन का तीसरा सोमवार- 24 जुलाई
सावन का चौथा सोमवार- 31 जुलाई
सावन का पांचवा सोमवार- 07 अगस्त
सावन का छठा सोमवार- 14 अगस्त
सावन का सातवां सोमवार- 21 अगस्त
सावन का आठवां सोमवार- 28 अगस्त

शुभ योग 2023
गुरु पुष्य योग- 30 मार्च, 27 अप्रैल और 25 मई
रवि पुष्य योग- 08 जनवरी,10 सितंबर और 5 नवंबर

2023 में आने वाले प्रमुख पर्व-त्योहार
होली 7 मार्च
गुड़ी पड़वा 22 मार्च
रंग पंचमी 12 मार्च
अक्षय तृतीया 22 अप्रैल
नागपंचमी 21 अगस्त
रक्षाबंधन 30 अगस्त
जन्माष्टमी 6 सितंबर
हरितालिका तीज 18 सितंबर
गणेश चतुर्थी 19 सितंबर
श्राद्धपक्ष 29 सितंबर से
शारदीय नवरात्र 15 अक्टूबर से
दशहरा 24 अक्टूबर
दीपावली 12 नवंबर

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