Categories
Vote / Poll
BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?
Vote / Poll
डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?
Vote / Poll
कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?
Vote / Poll
फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?
Recent Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!
Recommended Posts
Featured Posts
The Fact India: जयपुर में चांदी की टकसाल इलाके में राम प्रसाद मीणा की आत्महत्या का मामला अभी तक ठंडा नहीं हुआ है कि इसी बीच जयपुर के कानोता क्षेत्र में एक और सुसाइड का मामला सामने आया है। जिसमें आगरा रोड, अहिंसा नगर इलाके के संजय पांडे ने खुदकुशी कर ली। ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम करने वाले संजय पांडे ने सुसाइड से पहले ऑडियो रिकॉर्ड कर शब्बीर नाम के एक शख्स पर धोखा देने का आरोप लगाया है और शब्बीर को विधायक रफीक खान का आशीर्वाद प्राप्त बताया है।
संजय पांडेय ने आत्महत्या से पहले अपने रिकॉर्ड ऑडियो में कहा कि मैं परेशान हो चूका हुं। शब्बीर सेठ के यहां नौकरी करता था, उन्होंने मेरी तनखा रोकली। वहीं संजय ने कहा कि ये गो हत्या का व्यापार करता था। सारी गाडिया टोटल गाय का काम करती हैं। इसको घमंड बहुत ज्यादा है। रफीक खान पार्षद का इसका पूरा आर्शीवाद है।
बता दें रफीक खान जयपुर की आदर्श नगर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक हैं। आपको बता दें मृतक संजय पांडेय को न्याय दिलाने के लिए जयपुर में एसएमएस मोर्चरी के बाहर बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता सम्मिलित हुए। एक साथ दो अलग अलग आत्महत्या के मामले सामने ने के बाद बीजेपी हमलावर हो गई है। बीजेपी के तमाम नेता इस मामले में सरकारी संरक्षण का आरोप लगा कर सरकार को घेरने में लगे है।
बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने सरकार से पीड़ित परिवार के लिए मुआवजा और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वहीं गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा की मंत्री हो या विधायक अगर कोई FIR करता है तो सरकार उसे रोकती नही है।
भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने ट्वीट कर कहा की अशोक गहलोत सरकार के विधायक रफीक खान का आर्शीवाद प्राप्त गुंडों द्वारा टोर्चर किए जाने पर गौ भक्त संजय पांडेय ने आत्महत्या कर ली है। आखिर यह हिंदु विरोधी सरकार हिंदुओं पर जघन्य अत्याचार कब तक करती रहेगी? तुष्टीकरण में यह सरकार किस हद तक गिरेगी?