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हिंदू संस्कृति में त्योहारों की शुरुआत करने वाला साल का सबसे पहला और खास मकर संक्रांति का त्योहार इस बार 15 जनवरी को मनाया जाएगा. सूर्यदेव की आराधना को समर्पित मकर संक्रांति का त्यौहार 77 साल बीतने के बाद पहली बार विशेष योग के चलते 15 जनवरी को मनाया जाएगा, नहीं तो यह त्यौहार हर साल 13 या 14 जनवरी को मनाया जाता है. इस साल सूर्यदेव 14 जनवरी की आधी रात्रि व 15 जनवरी की सुबह को धनु से मकर राशि में प्रवेश करेंगे. इसलिए मकर संक्रांति का त्यौहार 15 जनवरी को मनाया जाएगा.
सूर्य देव इस बार धनु से मकर राशि में 15 तारीख की सुबह और 14 तारीख की रात 2:44 पर प्रवेश करेंगे. मकर राशि में पूर्णतया सूर्यदेव इस बार 15 तारीख की सुबह तक ही होंगे. इसलिए यह त्यौहार 15 जनवरी को ही मनाया जाएगा. पं हरीमोहन शर्मा ने बताया काफ़ी सालों से 14 जनवरी को मनाए जाने वाला यह त्यौहार इस वर्ष 77 साल बाद विशेष योग बनने के बाद 15 जनवरी को मनाया जाएगा और अब आने वाले 77 सालों तक यह तो त्यौहार 15 जनवरी को ही मनाया जाएगा.
मकर संक्रांति के त्यौहार पर वैसे तो दान का विशेष महत्व रहता है, लेकिन सूर्योदय से पहले इस दिन कुछ खास वस्तुओं से स्नान किया जाए तो वह भी काफी ज्यादा असरदार साबित होता है. पंडित हरिमोहन शर्मा ने बताया कि संक्रांति के दिन सूर्योदय से पहले उठकर तिली को पीसकर या तिली के तेल से स्नान जरूर करना चाहिए. तेल स्नान का इस दिन विशेष महत्व माना जाता हैं. मान्यता अनुसार इस दिन तिली के स्नान से सारे पाप और शरीर का मैल पूरी तरह से उतर जाता है. तेल स्नान के बाद ही इस दिन जल स्नान करके सूर्य देव को अरघ देनी चाहिए.