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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
10%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
33%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
11%
फिल्मों को हिट करने के लिए
44%
कुछ बता नहीं सकते
11%
Total count : 9

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कावेरी जल विवाद से जनता परेशान,कई संगठनों ने किया बेंगलुरु बंद का आह्वान

कावेरी जल विवाद से जनता परेशान,कई संगठनों ने किया बेंगलुरु बंद का आह्वान
Pooja Parmar
September 26, 2023

कावेरी जल विवाद के चलते विभिन्न संगठनों ने मंगलवार को बंगलुरू में बंद का आह्वान किया है। इसके चलते देश की आईटी राजधानी बंगलुरू की रफ्तार थम गई है। हालांकि राज्य के बस परिवहन निगम बीएमटीसी ने कहा है कि उनकी बसें सभी रूटों पर सामान्य रूप से परिचालन करेंगी। हालांकि सड़कों पर लोग नहीं दिख रहे हैं। 

बंगलुरू की सड़कों पर काफी कम लोग दिख रहे हैं। एक बस कंडक्टर ने बताया कि बंद की वजह से कैम्पेगोड़ा बस स्टॉप पर बहुत कम लोग हैं, जबकि आम तौर पर यहां काफी भीड़ रहती है। कावेरी जल विवाद के चलते लोग इतने नाराज हैं कि एक ऑटो ड्राइवर ने बंद का समर्थन करते हुए कहा कि विभिन्न संगठनों द्वारा बुलाए गए बंद का हम समर्थन करते हैं। हमारा स्टैंड साफ है कि हम किसी भी राज्य को पानी नहीं देंगे। सिर्फ रात में ऑटो चलेंगे। बंद के चलते विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। बंगलुरू सेंट्रल के डीसीपी टी टेक्कनावर ने बताया कि पर्याप्त संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई है। कमिश्नर के आदेश के मुताबिक किसी भी विरोध प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी जाएगी। फिलहाल ट्रैफिक सामान्य है।  

बता दें कि तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच कावेरी जल विवाद लंबे समय से जारी है। साल 1892 और 1924 में मद्रास प्रेसीडेंसी और मैसूर साम्राज्य के बीच हुए दो समझौतों के तहत दोनों राज्यों में कावेरी नदी के पानी के बंटवारे पर सहमति बनी थी। पानी के बंटवारे पर असहमति को दूर करने के लिए साल 1990 में कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण की भी स्थापना की गई। पहले भी दोनों राज्यों के बीच पानी को लेकर विवाद हो चुका है। साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कर्नाटक को जून और मई के बीच तमिलनाडु के लिए 177 टीएमसी पानी छोड़ने का आदेश दिया था। लेकिन इस बार तमिलनाडु ने कर्नाटक से 15 हजार क्यूसेक और पानी छोड़ने की मांग की। कर्नाटक के विरोध के बाद कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण ने 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने की मांग की लेकिन तमिलनाडु का आरोप है कि कर्नाटक ने 10 हजार क्यूसेक पानी भी नहीं छोड़ा है। वहीं कर्नाटक का कहना है कि इस बार दक्षिण पश्चिम मानसून के नाकाम रहने के कारण कावेरी नदी क्षेत्र के जलाशयों में अपर्याप्त जल भंडार है। ऐसे में कर्नाटक ने पानी छोड़ने से इनकार कर दिया। जिससे यह मुद्दा गरमा गया। 

कावेरी जल विवाद से जनता परेशान,कई संगठनों ने किया बेंगलुरु बंद का आह्वान