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सीएम शिवराज ने आदिगुरु शंकराचार्य की 108 फीट की प्रतिमा का किया अनावरण, स्वामी अवधेशानंद गिरी की मौजूदगी में हुआ वैदिक मंत्रोच्चार
The Fact India: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को ओंकारेश्वर में ओंकार पर्वत पर स्थापित आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण किया। स्वामी अवधेशानंद गिरी और दूसरे संतों की मौजूदगी में वैदिक मंत्रोच्चार हुआ। 108 फीट ऊंची यह प्रतिमा एकात्मकता का प्रतीक है। इसे 'स्टैच्यू ऑफ वननेस' का नाम दिया गया है। प्रतिमा का अनावरण करने के लिए संत और सीएम शिवराज अस्थायी एलिवेटर से 75 फीट ऊपर पहुंचे। पूजा के बाद प्रतिमा की परिक्रमा की।
श्रृंगेरी शारदा पीठ से आदिगुरु शंकराचार्य के लिए 112 फीट की माला लाई गई। माला 10 हजार रुद्राक्ष से बनी है। सभी पांचमुखी रुद्राक्ष हैं। सीएम ने कहा कि आज आधिगुरु फिर पधार गए हैं। उनके चरणों में प्रणाम। उपयुक्त अवसर पर यह माला आदिगुरु को पहनाई जाएगी। अभी सुरक्षित रखते हैं। मठ की ओर से पादुका भी आएगी। शृंगेरी शारदा पीठ कर्नाटक में चिकमगलूर जिले के श्रृंगेरी में है।
प्रतिमा स्थल के करीब ब्रह्मोत्सव में 5 हजार साधु-संत जुटे। यहां अद्वैत लोक के लिए भूमिपूजन हुआ और शिवराज ने इसकी आधारशिला रखी। इसके बाद आरती की। यह 2026 तक बनकर तैयार होगा। ओंकार पर्वत (मांधाता पर्वत भी) की 11.5 हेक्टेयर जमीन पर अद्वैत लोक आकार ले रहा है। इसी के मध्य में आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित की गई है। यहां अद्वैत लोक (शंकर संग्रहालय) और आचार्य शंकर अंतरराष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान की स्थापना भी की जा रही है।
आदि शंकराचार्य की ये प्रतिमा 12 साल के आचार्य शंकर की झलक है। इसी उम्र में वे ओंकारेश्वर से वेदांत के प्रचार के लिए निकले थे। प्रतिमा 100 टन वजनी है और 75 फीट ऊंचे प्लेटफॉर्म पर स्थापित है। 88 फीसदी कॉपर, 4 फीसदी जिंक और 8 फीसदी टिन को मिलाकर बनाई गई है। इसके 290 पैनल निर्माण कंपनी एलएंडटी ने जेटीक्यू चाइना से तैयार कराए हैं। सभी 290 हिस्सों को ओंकारेश्वर में लाकर जोड़ा गया है।