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महाकाल की निकली पहली सवारी, भगवान श्री महेश को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया; कलेक्टर ने किया पूजा, मनमहेश के रूप में भक्तों को दर्शन दिए
The Fact India: सावन महीने के पहले सोमवार को उज्जैन में राजाधिराज भगवान महाकाल की सवारी निकली। जय महाकाल के उद्घोष के साथ यह सवारी प्रारंभ हुई। सवारी मंदिर परिसर से होते हुए मंदिर के मुख्य गेट पर पहुंची। कलेक्टर ने भगवान महाकाल का पूजन किया। इसके बाद सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा भगवान श्री महेश को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। बाबा महाकाल को सलामी देने की यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है।
शिप्रा तट रामघाट पर जैसे ही बाबा महाकाल की सवारी पहुंची, वैसे ही दत्त अखाड़ा क्षेत्र और रामघाट क्षेत्र पर बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए उमड़े। श्रद्धालुओं ने बाबा की एक झलक देखने के साथ ही जय श्री महाकाल का उद्घोष किया। यहां पर बाबा महाकाल का मां शिप्रा के जल से पूजन अर्चन किया जाएगा। आरती की जाएगी और फिर सवारी यही से महाकाल मंदिर जाने के लिए फिर से शुरू होगी।
सावन की पहली सवारी में बाबा महाकाल ने मनमहेश के रूप में भक्तों को दर्शन दिए। जगह-जगह बाबा महाकाल का फूल बरसाकर स्वागत किया गया। सवारी महाकाल चौराहे से शुरू होकर हरसिद्धि होते हुए रामघाट पहुंची। जहां क्षिप्रा नदी के जल से बाबा महाकाल का अभिषेक-पूजन किया गया। यहां से सवारी वापस श्री महाकालेश्वर मंदिर लौटीं।
बाबा महाकाल की सवारी सोमवार शाम ठीक 4 बजे मंदिर से निकली। यहां कड़ाबीन (एक प्रकार की बंदूक, जिसमें बारूद भरकर फायर करते हैं। इससे बाबा महाकाल को सलामी दी जाती है) की परंपरा के साथ सवारी का आगाज हुआ। यहां सरकारी पुजारी घनश्याम पुजारी ने पूजा की। इस दौरान कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम, एसपी सचिन शर्मा, विधायक पारस जैन, महापौर मुकेश टटवाल समेत कई अधिकारी, नेता और अन्य लोग मौजूद रहे।
सोमवार को सुबह से ही महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ लगी रही। भीड़ बढ़ती देख भस्म आरती के लिए रात 2.30 बजे महाकाल मंदिर के पट खोल दिए गए। भस्म आरती में भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक पूजन कर विशेष श्रृंगार हुआ।