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वुहान लैब के रिसर्चर का दावा- चीन का बायोवेपन है कोरोना वायरस; बोले- मिलिट्री वर्ल्ड गेम्स में फैलाना था उद्देश्य, हमें टेस्ट के लिए चार स्ट्रेंस दिए
The Fact India: वुहान लैब में काम करने वाले एक रिसर्चर ने कोरोना वायरस को लेकर एक बड़ा दावा किया है। इंटरनेशनल प्रेस एसोसिएशन को दिए इंटरव्यू में रिसर्चर चाओ शाओ का दावा है कि चीन ने बायोवेपन के तौर पर कोरोना वायरस को तैयार किया था। इंटरव्यू में चाओ शाओ ने कहा कि मुझे और मेरे साथियों को वायरस के चार स्ट्रेंस टेस्टिंग के लिए दिए गए थे, जिससे यह पता चल सके कि कौन सा स्ट्रेन सबसे ज्यादा संक्रामक है। हालांकि रिसर्चर चाओ शाओ का यह इंटरव्यू 2020 का है, जो अब सामने आया है।
चाओ शाओ ने इंटरव्यू में बताया कि 2019 के मिलिट्री वर्ल्ड गेम्स चल रहे थे। उसी दौरान हमारे कुछ रिसर्चर्स साथी लापता हो गए थे। बाद में उनमें से एक साथी ने बताया कि हमें अलग-अलग देशों से आए खिलाड़ियों की हाइजीन कंडीशन्स चेक करने के लिए होटल भेजा गया था।
शाओ का कहना है कि खिलाड़ियों के हेल्थ चेक-अप के लिए वायरोलॉजिस्ट की जरूरत नहीं होती है। दरअसल, इन लोगों का असली टारगेट कोरोना फैलाना था। रिसर्चर चाओ शाओ ने कहा कि ऐसा ही एक और मामला साथी शान चाओ का था।
उसे शिनजियांग के री-एजुकेशन कैंप में रह रहे उइगर लोगों के हेल्थ चेक-अप के लिए भेजा गया था। शान चाओ ने अप्रैल 2020 में कोरोना स्ट्रेन पर रिसर्च पर काम किया था। शाओ ने आशंका जताई कि चाओ को असल में या तो कोरोना फैलाने या फिर इंसानों पर ये कैसे रिएक्ट करता है, ये देखने के लिए भेजा गया था।
बता दें कि कुछ दिन पहले ही एक अमेरिकी रिपोर्ट में दावा किया गया था कि चीन की वुहान लैब से ही कोरोना वायरस लीक हुआ था। रिपोर्ट के मुताबिक वुहान लैब के तीन वैज्ञानिक सबसे पहले कोरोना इन्फेक्शन का शिकार हुए थे। ये 3 वैज्ञानिक बेन हू, यू पिंग और यान झू थे। तीनों इस लैब के लीड रिसर्चर्स थे। इतना ही नहीं, रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया था कि चीन की इस हरकत के तमाम सबूत अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई के पास मौजूद हैं।