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लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच राजस्थान कांग्रेस में बड़ा उलटफेर शुरू हो गया है. इसका एक नजारा राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में भी देखने को मिला, जब अशोक गहलोत की जगह सचिन पायलट अगवानी करते नजर आए. बताया जा रहा है कि इन दिनों सचिन पायलट को ही कांग्रेस पार्टी में पूर्ण तवज्जो दी जा रही है. जबकि दूसरी तरह अशोक गहलोत बहुत ज्यादा सक्रिय नजर नहीं आ रहे हैं. इस वक्त पायलट ही राजस्थान कांग्रेस की फ्रंट सीट पर बैठकर बीजेपी पर जमकर हमला बोल रहे हैं. ईआरसीपी और एमएसपी जैसे मुद्दों पर भी पायलट ने बीजेपी को आड़े हाथ लिया है. ऐसे में सवाल उठने लाजमी हैं कि विधानसभा चुनाव के बाद अचानक पायलट का यूं सक्रिय होना आगामी चुनाव में कांग्रेस का गढ़ बचाने के लिए हो रही जद्दोजहद है, या फिर अशोक गहलोत का रिप्लेसमेंट?
क्योंकि भविष्य में अशोक गहलोत के फिर सीएम बनने के आसार बहुत कम हैं. बीजेपी पर हमला बोलते हुए सचिन पायलट ने कहा था कि, 'छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने वादा किया है कि हमारी सरकार बनने के बाद हम वो काम करेंगे तो वर्तमान सरकार ने नहीं किया. 3 काले कानून वापस लेते वक्त केंद्र की बीजेपी सरकार ने कहा था कि MSP को लेकर हम गारंटी लेकर आएंगे. जब वादाखिलाफी हुई तब किसानों ने कहा अब चुनाव सिर पर हैं, कृपया उसे पूरा करिए. उसके बाद जो कुछ भी बॉर्डर पर हुआ वो आप सभी ने देखा. वो अन्नदाताओं का अपमान था, जो बीजेपी सरकार ने किया. ये सरकार वादा पूरा करने में विश्वास नहीं रखती है.' इसी तरह अग्निपथ योजना को लेकर बीजेपी पर तंज कसते हुए पायलट ने आगे कहा, 'अग्निपथ बहुत जल्दबाजी में लागू की गई. बीजेपी द्वारा उसकी टाइम लिमिट तय की जा सकती थी. इस फैसले ने फौज में जाने की तैयारी करने वाले बच्चों को रोकने का काम किया है. इसीलिए हम इसे गलत मानते हैं. करीब पौने दो लाख बच्चों को टेस्ट में क्लियरेंस मिलने के बाद भी अभी तक भर्ती नहीं मिल पाई है, जिस कारण वो धरने पर हैं. सरकार को उन्हें एडजस्ट करने के बारे में भी सोचना चाहिए.'