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शरीर को चलाने के लिए हर तरह के पोषक तत्वों की जरूरत होती है. इनमें कुछ विटामिंस की महत्वपूर्ण भूमिका है. विटामिन बी 12 शरीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह खून में आरबीसी को बनाता है. आरबीसी ही ऑक्सीजन को ग्रहण कर शरीर के अंग-अंग तक पहुंचाता है. इसके साथ ही विटामिन बी 12 दिमाग के सेंट्रल नर्वस सिस्टम के फंक्शन को पूरा करने में मदद करता है. इतना ही नहीं विटामिन बी 12 डीएनए के सिंथेसिस और कई तरह के एंजाइम बनाने में सक्रिय भूमिका निभाता है. यानी अगर हमारे शरीर में विटामिन बी 12 की कमी हो जाए तो खून में ऑक्सीजन की कमी हो जाएगी और जब नसों में ऑक्सीजन नहीं पहुंचेगा तो यह शिथिल होने लगेगी. इस तरह समझा जा सकता है कि विटामिन बी12 हमारे लिए कितना जरूरी है. पर मुश्किल यह है कि भारत में अधिकांश लोगों को विटामिन बी 12 की कमी होती है.
एनसीबीआई के एक रिसर्च पेपर में कहा गया है कि भारत में विटामिन बी 12 की कमी एंडेमिक यानी स्थानीय स्तर पर महामारी का रूप ले चुकी है. रिसर्च में बताया विटामिन बी 12 मुख्यतया नॉन-वेज के माध्यम से शरीर में पहुंचता है लेकिन भारत में अधिकांश आबादी वेजिटेरियन हैं और जो नॉन-वेजिटेरियन हैं, वे भी नियमित रूप से इसे नहीं खाते. यही कारण है कि भारत में विटामिन बी 12 की कमी स्थानीय स्तर पर महामारी का रूप ले चुकी है. हालांकि कई ऐसे वेजिटेरियन फूड हैं जिनमें विटामिन बी 12 पर्याप्त मात्रा में रहता है लेकिन खाने का तरीका सही नहीं होने के कारण विटामिन बी 12 की कमी हो जाती है. इस रिसर्च में बताया गया है कि भारत में 47 प्रतिशत लोगों को विटामिन बी 12 की गंभीर कमी है जबकि सिर्फ 26 प्रतिशत लोगों में ही विटामिन बी 12 की मात्रा सही पाई गई.
विटामिन बी 12 की कमी होने पर दिखते हैं ये संकेत
अंग-अंग में थकान कमजोरी-ब्रिटिश हेल्थ वेबसाइट एनएचएस के मुताबिक अगर शरीर में विटामिन बी 12 की कमी हो जाती है तो ऑक्सीजन शरीर के विभिन्न अंगों में बहुत कम पहुंचता है. इस कारण नसों में दौड़ने वाला ऑक्सीजन कम होने के कारण शरीर का अंग-अंग टूटने लगता है. हमेशा सिर दर्द रहेगा और पैरों में झुनझुनाहट महसूस होगी. बहुत अधिक कमजोरी लगने लगेगी.
न्यूरोलॉजिकल चेंजेज-चूंकि विटामिन बी 12 की कमी के कारण नसों में सही से ऑक्सीजन नहीं पहुंचता, इसलिए नसों से संबंधित कई लक्षण दिखाई देते हैं. इसमें आंखों से दिखाई कम देने लगती है. याददाश्त कमजोर होने लगती है. शरीर में चुभन सी महसूस होती है. नसें कमजोर होने के कारण शरीर पर नियंत्रण कम होने लगता है. पैरों की नसें डैमेज होने लगती है जिसके कारण झुनझुनाहट होती है.
इंफर्टिलिटी-अगर विटामिन बी 12 की गंभीर कमी हो जाए तो कभी-कभी इससे इंफर्टिलिटी भी हो सकती है. महिलाओं को कंसीव करने में दिक्कत हो सकती है.
बर्थ डिफेक्ट-अगर प्रेग्नेंट महिला में विटामिन बी 12 की कमी हो जाए तो उसके पेट में पल रहे बच्चे को न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट हो सकता है. इसमें जन्म से ही बच्चे में विकार पैदा हो सकता है. इससे बच्चे में रीढ़ की हड्डी का विकास सही से नहीं होता है और इसका असर दिमाग पर भी पड़ता है.
पेट का कैंसर-अगर विटामिन बी 12 की कमी गंभीर स्थिति में पहुंच गई है और बहुत दिनों तक इलाज नहीं कराया जाता है तो इस स्थिति में पर्निसियस एनीमिया की बीमारी हो सकती है. पर्निसियस एनीमिया की बीमारी होने के बाद अपना ही इम्यून सिस्टम हेल्दी सेल्स को डैमेज करने लगता है. इस स्थिति में पेट के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.