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दुनिया की पहली कोविड नेजल वैक्सीन भारत में लांच, बूस्टर डोज के तौर पर लगेगी
- January 26, 2023 Author : Team Fact India JP
The Fact India: दुनिया की पहली इंट्रानेजल कोविड-19 वैक्सीन इनकोवेक (iNCOVACC) गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया और साइंस-टेक्नोलॉजी मंत्री जितेंद्र सिंह ने लांच किया। नाक से ली जाने वाली इस वैक्सीन को बूस्टर डोज के तौर पर लगाया जा सकेगा। भारत सरकार ने 23 दिसंबर को इस वैक्सीन की मंजूरी दी थी। सबसे पहले नेजल वैक्सीन को निजी अस्पतालों में उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए लोगों को पैसे खर्च करने होंगे।
भारत बायोटेक ने दिसंबर में घोषणा की थी कि यह वैक्सीन सरकारी अस्पतालों में 325 रुपए में लगवाई जा सकेगी। निजी अस्पतालों में इसके लिए 800 रुपए चुकाने होंगे। इस वैक्सीन को लेने के लिए कोविन पोर्टल से ही बुकिंग करनी होगी। इंट्रानेजल वैक्सीन को कोवैक्सिन और कोवीशील्ड जैसी वैक्सीन्स लेने वालों को बूस्टर डोज के तौर पर दिया जाएगा। हालांकि इसे प्राइमरी वैक्सीन के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
कोवैक्सिन बनाने वाली हैदराबाद की भारत बायोटेक ने इसे वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन (डब्ल्यूयूएसएम) के साथ मिलकर बनाया है। फिलहाल कोरोना की जो वैक्सीन लगाई जा रही है, वह इंजेक्शन के जरिए मांसपेशियों में लगाई जा रही है। इस वैक्सीन को इंट्रामस्कुलर वैक्सीन कहते हैं। नेजल वैक्सीन नाक के जरिए दिया जाता है, इसलिए इसे इंट्रानेजल वैक्सीन कहा जाता है। इसे इंजेक्शन से देने की जरूरत नहीं है और न ही ओरल वैक्सीन की तरह ये पिलाई जाती है। यह एक तरह से नेजल स्प्रे जैसी है।
भारत बायोटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन डॉ. कृष्णा एल्ला ने कुछ समय पहले कहा था कि पोलियो की तरह इस वैक्सीन की भी 4 ड्रॉप्स काफी हैं। दोनों नॉस्ट्रिल्स में दो-दो ड्रॉप्स डाली जाएंगी। इस नेजल वैक्सीन का नाम इनकोवेक (iNCOVACC) रखा गया है। पहले इसका नाम BBV154 था। इसकी खास बात यह है कि शरीर में जाते ही यह कोरोना के इन्फेक्शन और ट्रांसमिशन दोनों को ब्लॉक करती है। इस वैक्सीन को इंजेक्शन से नहीं दिया जाता, इसलिए इन्फेक्शन का खतरा नहीं है।
- Post By Team Fact India