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‘मिशन 2023’ की तैयारियों में जुटी भाजपा, एकजुटता के साथ आगामी रणनीति का मंत्र दे रहे BL संतोष
- April 14, 2022 Author : Team Fact India JP
The Fact India: राजस्थान की सियासत में इन दिनों जोर-शोर से शतरंज की बिसात बिछाई जा रही है. जिसपर 2023 की चुनावी जंग लड़ी जाएगी. जहां भाजपा करौली बलबूते 2023 की राह बनाने में जुटी हुई है. तो वहीं कांग्रेस ने ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट पर दांव खेल कर चुनावी मैदान में उतरना चाह रही है. लिहाजा ऐसे में दोनों ही दलों ने अपनी रणनीति तेज कर दी है. ऐसे में भाजपा और कांग्रेस के थिंकटैंक ने भी राजस्थान का रुख करना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में भाजपा के माहिर रणनीतकार माने जाने वाले राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी एल संतोष (BL Santosh) जयपुर पहुंचे.
बी एल संतोष (BL Santosh) ऐसे वक़्त में राजधानी जयपुर पहुंचे जब मिशन 2023 से पहले मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा में खींचतान चल रही है. लिहाजा बीएल संतोष का राजस्थान का दौरा काफी अहम माना जा रहा है. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे समर्थक उन्हें सीएम का चेहरा घोषित करने की मांग कर रहे हैं. जबकि वसुंधरा विरोधी खेमा इसका विरोध कर रहा है. वसुंधरा समर्थकों का कहना है कि सीएम चेहरा घोषित नहीं करने पर विधानसभा चुनाव 2023 में पार्टी को हार का सामना करना पड़ सकता है. भाजपा प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह का कहना है कि सीएम का चेहरा पार्टी का संसदीय बोर्ड तय करेगा. वसुंधरा समर्थक अरुण सिंह के बयान को कटाक्ष के तौर पर देख रहे हैं. गुटबाजी से त्रस्त भाजपा के लिए इस लिहाजा से भी बीएल संतोष का दौरा काफी अहम हो जाता है. हालांकि, बताया जा रहा है कि बीएल संतोष को जो पदाधिकारियों से फीडबैक मिला है वो इसे पार्टी हाईकमान को देंगे.
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बीएल संतोष ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया समेत वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर फीडबैक ली. इस दौरान वे जयपुर में पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों के साथ ही कोर ग्रुप से जुड़े नेताओं की बैठक कर संगठनात्मक मजबूती पर मंथन किया. संतोष ने मंडल कार्यकारिणी से लेकर बूथ और पन्ना प्रमुख की नियुक्तियों को लेकर समीक्षा की. साथ ही पार्टी आगामी दिनों में संगठनात्मक रूप से कई अभियान और कार्यक्रम अपने हाथ में लेगी. जिसको लेकर प्रदेश भाजपा के जरूरी दिशा-निर्देश भी दिया.
गौरतलब है कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 के अंत तक होने है. पार्टी का फोकस उन क्षेत्रों में जहां पार्टी ने विधानसभा चुनाव 2018 में निराशाजनक प्रदर्शन किया था. खास कर पूर्वी राजस्थान में. जहां भाजपा को 39 विधानसभा सीटों में से सिर्फ 4 सीटों पर जीत मिली थीं. पार्टी की कोशिश है कि पूर्वी राजस्थान में खोया हुआ जनाधार मिले. इसके लिए हाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सवाई माधोपुर में एसटी मोर्चे के सम्मेलन में भाग लिया था. अब आगामी दिनों में गृह मंत्री अमित शाह का भी राजस्थान दौरा प्रस्तावित है. लिहाजा ऐसे में सवाल उठता है कि क्या चुनाव से पहले भाजपा एकजुटता दिखा पाएगी. हालाँकि इस सवाल का जवाब तो भविष्य के गर्भ में ही है.
- Post By Team Fact India