Categories
Vote / Poll
BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?
Vote / Poll
डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?
Vote / Poll
कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?
Vote / Poll
फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?
Recent Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!
Recommended Posts
Featured Posts
पानी को लेकर अफगानिस्तान-ईरान बॉर्डर पर मुठभेड़, तीन ईरानी सैनिकों सहित चार की मौत; तालिबान ने कहा- हम 24 घंटे में ईरान को जीत सकते हैं
The Fact India: पानी को लेकर अफगानिस्तान और ईरान की सेनाएं रविवार को बॉर्डर पर भिड़ गईं। इस्लामिक रिपब्लिक बॉर्डर पर दोनों देशों के बीच भारी गोलीबारी हुई। इसमें तालिबान के एक लड़ाके और ईरानी आर्मी के तीन सैनिकों की मौत हो गई। ये लड़ाई ईरान के सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत और अफगानिस्तान के निमरोज प्रांत की सीमा पर हुई। दोनों देशों के बीच हेलमंद नदी के पानी पर अधिकार को लेकर विवाद चल रहा है।
ईरानी मीडिया के मुताबिक, तालिबान ने पहले गोलीबारी शुरू की। वहीं तालिबान के अनुसार, इस जंग की शुरुआत ईरान की तरफ से हुई। तालिबान के एक कमांडर हामिद खोरासानी ने कहा कि अगर तालिबानी नेताओं ने मंजूरी दी तो हम 24 घंटे के अंदर ईरान पर जीत हासिल कर लेंगे। तालिबानी कमांडर और पक्तिया प्रांत के अहमदाबाद जिले के पूर्व गवर्नर अब्दुल हामिद खोरासानी ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है। इसमें उन्होंने कहा है कि जिस उत्साह के साथ हम अमेरिकियों के खिलाफ लड़े थे, उससे कहीं ज्यादा जोश के साथ हम ईरान के खिलाफ लड़ेंगे। ईरान को तालिबानी नेताओं के धैर्य का शुक्रगुजार होना चाहिए। अगर तालिबान के सीनियर नेता हमें इजाजत देते हैं, तो हम ईरान पर जीत हासिल कर लेंगे।
दूसरी तरफ, ईरान ने भी लड़ाई में तालिबान को हराने का संकल्प लिया है। ईरान के पुलिस चीफ अहमदरजा रदान ने कहा कि हमारी बॉर्डर फोर्स हर हमले का जवाब देगी। अफगानिस्तान को अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करने का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उसे अपने एक्शन्स का जवाब देना होगा। करीब एक महीने पहले ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने भी तालिबान को हेलमंद नदी में ईरान के जल अधिकारों का उल्लंघन नहीं करने की चेतावनी दी थी।
अफगानिस्तान से दो बड़ी नदियां हेलमंद और हारी रूद नदी ईरान जाती हैं। दोनों देशों की सीमा पर बसे हामुन क्षेत्र के लिए हेलमंद नदी ही सिविलाइजेशन का इकलौता जरिया है। जलवायु परिवर्तन की वजह से इस नदी का क्षेत्र सिमट रहा है जिससे ईरान के सिस्तान-बलोचिस्तान प्रांत पर नकारात्मक असर पड़ा है। ईरान और अफगानिस्तान के बीच 1973 में जलसंधि हुई थी। इसके तहत अफगानिस्तान को हर साल ईरान को 820 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी देना है।
इसी ट्रीटी के तहत अफगान सरकार बांध बनाने पर जोर देती रही है। लेकिन ईरान ये कहते हुए पीछे हट रहा है कि इस तरह के बांध बनने से झीलों और दूसरे क्षेत्रों को नुकसान पहुंचेगा। ईरान का आरोप है कि अफगानिस्तान उसे तय मानक से कम पानी सप्लाई कर रहा है। वहीं अफगानिस्तान ने इसके लिए नदी में जलस्तर कम होने का तर्क दिया है।