Categories
Vote / Poll
BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?
Vote / Poll
डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?
Vote / Poll
कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?
Vote / Poll
फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?
Recent Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!
Recommended Posts
Featured Posts
ग्राउंड अंपायर अब नहीं देगा सॉफ्ट सिग्नल, थर्ड अंपायर तय करेगा कैच क्लीन है या नहीं, नए नियम से होगा WTC फाइनल
The Fact India: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के नियम में कुछ बदलाव हुए है। इसके तहत अब थर्ड अंपायर ही तय करेगा कि कैच सही है या नहीं। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) सॉफ्ट सिग्नल को खत्म करने जा रही है। इस नियम की शुरुआत भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच इंग्लैंड के ओवल क्रिकेट ग्राउंड पर सात जून से होने वाले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल से होगी। सॉफ्ट सिग्नल खत्म करने के अलावा आईसीसी कुछ और भी बदलाव करने जा रही है। डब्ल्यूटीसी फाइनल के दौरान दिन का ओवर पूरा नहीं होने तक नेचुरल रोशनी में कोई दिक्कत आ रही है तो अंपायर फ्लड लाइट्स ऑन करा सकता है।
आइए जानते हैं क्या होता है सॉफ्ट सिग्नल
मैच के दौरान अगर किसी कैच पर ग्राउंड अंपायर को संदेह होता है तो वह कैच थर्ड अंपायर के पास रेफर करता है। थर्ड अंपायर सॉफ्ट को सिग्नल के जरिए यह बताना होता था कि उसकी अपनी राय क्या है। इसका मतलब ग्राउंड अंपायर कैच को लेकर भले ही कन्फ्यूज में हो, लेकिन उसे थर्ड अंपायर को बताना ही पड़ता है कि उसकी नजर में डिसीजन आउट है या नॉट आउट।
ग्राउंड अंपायर ने सॉफ्ट सिग्नल में जो कहा है, उसे थर्ड अंपायर तब तक नहीं बदल सकता, जब तक उसके पास इसके लिए कन्क्लूसिव एविडेंस यानी निर्णय करने लायक सबूत न हो। अगर थर्ड अंपायर भी श्योर नहीं है कि कैच क्लीन है या नहीं तो इस स्थिति में ग्राउंड अंपायर के सॉफ्ट सिग्नल को ही फाइनल डिसीजन मान लिया जाता है।
सॉफ्ट सिग्नल हमेशा से क्रिकेट विशेषज्ञों के बीच चर्चा का विषय रहा है। सौरव गांगुली की अध्यक्षता वाली आईसीसी क्रिकेट कमेटी ने इसे खत्म करने का सुझाव दिया था। अब आईसीसी ने क्रिकेट कमेटी के सुझाव को अमल में लाते हुए सॉफ्ट सिग्नल को खत्म कर दिया है।
अब फील्ड अंपायर कैच का रिव्यू लेने के लिए अगर थर्ड अंपायर के पास रेफर करता है तो वह अपना सुझाव नहीं देगा। अब थर्ड अंपायर तकनीक के आधार पर रिव्यू कर खुद फैसला सुनाएगा और थर्ड अंपायर के फैसले को ही सही माना जाएगा।