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साउथ और ईस्ट चाइना सी में चीन के बढ़ते दखल पर पीएम मोदी ने कहा- समुद्री विवाद शांति से हल करेंगे, हम अंतरराष्ट्रीय कानून मानेंगे
The Fact India: समुद्र में बढ़ती चीन की गतिविधियों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के हिरोशिमा में खुलकर चर्चा की। पहली बार जापानी मीडिया को इंटरव्यू पीएम मोदी ने कहा कि भारत संप्रभुता का सम्मान करता है और हमेशा अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करते हुए समस्या का शांतिपूर्ण हल निकालने में भरोसा करता है। चीन से समुद्री विवाद शांति से हल करेंगे।
जी-7 के लिए जापान के हिरोशिमा पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जब पूछा गया कि साउथ चाइना सी और ईस्ट चाइना सी में हो रहे चीनी सेना के विस्तार और ताइवान की स्थिति पर भारत का क्या रुख है। इसके जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर समुद्री विवादों के शांतिपूर्ण समाधान को बढ़ावा देते हुए भारत अपनी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए कमिटेड है। हमने इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए बांग्लादेश के साथ संबंधों को सुधारा है।
भारत 95 फीसदी व्यापार समुद्र के रास्ते होता है। इसका करीब 55 प्रतिशत साउथ चाइना सी के जरिए ही होता है। साउथ चाइना सी रूट से भारत का 13.8 लाख करोड़ रुपए का कारोबार होता है। जापान, दक्षिण कोरिया और एशियन देशों के साथ व्यापार के लिए साउथ चाइना सी बेहद अहम है। कोच्चि, कोलकाता, विशाखापत्तनम और चेन्नई पोर्ट के जरिए भारत का व्यापार होता है।
चाय, स्टील, लोहा, कॉपर, लेदर समेत कई आइटम्स का एक्सपोर्ट किया जाता है। अक्टूबर 2011 में भारत ने वियतनाम के साथ साउथ चाइना सी में ऑयल और गैस एक्सप्लोरेशन के लिए एक एग्रीमेंट किया था। चीन ने इस कदम का खासा विरोध किया था। 2019 में चीन ने वियतनाम के समुद्री क्षेत्र में 30 से ज्यादा जंगी जहाजों को तैनात कर दिया था।
दुनियाभर में हो रहे मरीन ट्रैफिक (समुद्री यातायात) को लेकर चीन, भारत समेत 100 से भी ज्यादा देशों में एक एग्रीमेंट साइन किया गया है। इसे यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन ऑन द लॉ ऑफ द सी (अनक्लोज) कहा जाता है। इसके मुताबिक, किसी भी देश की जमीन से 12 नॉटिकल मील (22.2 किलोमीटर) तक उस देश की समुद्री सीमा मानी जाती है।
इस कानून के मुताबिक 12 नॉटिकल मील की दूरी के बाद का समुद्री क्षेत्र कोई भी देश ट्रेड के लिए इस्तेमाल कर सकता है। इस दूरी के बाद किसी भी देश की समुद्री सीमा लागू नहीं होती। चीन का नया कानून अनक्लोज की इस संधि का भी उल्लंघन करता है। साल 2016 में एक अंतरराष्ट्रीय अदालत ने साउथ चाइना सी में चीन के दखल को गैरकानूनी बताते हुए फिलीपींस के पक्ष में फैसला सुनाया था। चीन ने फैसले को मानने से ही इनकार कर दिया था।