Categories
Vote / Poll
BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?
Vote / Poll
डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?
Vote / Poll
कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?
Vote / Poll
फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?
Recent Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!
Recommended Posts
Featured Posts
यूपी-पंजाब समेत पांच राज्यों के स्टूडेंट्स ऑस्ट्रेलिया में बैन, विश्वविद्यालयों ने प्रवेश लेने से किया इनकार, वीजा के गलत इस्तेेमाल का आरोप

The Fact India: उत्तर प्रदेश, पंजाब समेत भारत के पांच राज्यों के स्टूडेंट्स अब ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी में पढ़ाई नहीं कर पाएंगे। वहां के विश्वविद्यालयों ने इन पांच राज्यों (उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर) के छात्रों के एडमिशन पर रोक लगा दी है। ऑस्ट्रेलियन न्यूज पेपर सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया की दो बड़ी यूनिवर्सिटी ने अपने एजुकेशन एजेंट्स को पत्र लिखकर इन राज्यों के छात्रों का दाखिला नहीं करने का निर्देश दिया है। इसकी वजह बताया गया है कि स्टूडेंट वीजा पर आने के बाद ऑस्ट्रेलिया में नौकरी करने लग जाते हैं।
ऑस्ट्रेलिया की वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी ने बताया कि 2022 में कई भारतीय छात्रों ने दाखिले कराए। लेकिन पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। यूनिवर्सिटी ने एजेंट्स को बताया कि ऐसा करने वालों में ज्यादातर स्टूडेंट्स पंजाब, गुजरात और हरियाणा से हैं। इन राज्यों के छात्रों पर लगा बैन जून तक जारी रहेगा। आगे ऐसा न हो, इसके लिए एडमिशन की पॉलिसी को और सख्त बनाया जा रहा है। पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया की चार यूनिवर्सिटी ने भारतीय छात्रों पर आरोप लगाए थे कि वो स्टूडेंट वीजा का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। कहा था कि लोग स्टूडेंट वीजा लेकर पढ़ने की बजाय नौकरी के लिए ऑस्ट्रेलिया आ रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया का होम अफेयर डिपार्टमेंट लगातार कश्मीर समेत इन पांच राज्यों के छात्रों की वीजा एप्लिकेशन खारिज कर रहा है। होम अफेयर्स डिपार्टमेंट की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत से आने वाली हर चार में से एक स्टूडेंट वीजा की एप्लिकेशन फ्रॉड है। इसके चलते ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई के लिए लगाई जाने वाली एप्लिकेशन का रिजेक्शन रेट भी बढ़ कर 24.3 फीसदी हो गया है, जो पिछले 13 सालों में सबसे ज्यादा है।
सिडनी हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी विदेशों छात्रों के दाखिले के लिए पूरी तरह एजेंट्स पर निर्भर हैं। दाखिले के लिए स्टूडेंट और यूनिवर्सिटी दोनों एजेंट्स को अप्रोच करते हैं, जिसके बदले यूनिवर्सिटी एजेंट्स को मोटा कमीशन देती हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2022 में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने विदेश स्टूडेंट्स के काम करने की पॉलिसी में अहम बदलाव किया था। जिसके बाद से स्टूडेंट वीजा की मांग बढ़ गई।
दरअसल, नए बदलाव के तहत ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने जाने वाले विदेशी छात्रों के काम करने पर लगी लिमिट को हटा दिया गया था। यानी छात्र कितने घंटे भी काम कर सकते हैं। हालांकि, अब इस पॉलिसी को फिर से बदलने की तैयारी हो रही है। अल्बनीज सरकार फिर से छात्रों के काम करने के समय पर पाबंदी लगाने जा रही है।
