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संतान की अच्छी सेहत और लंबी उम्र के लिए करें अहोई अष्टमी व्रत
- October 27, 2021 Author : Team Fact India JP
The Fact India: संतान की अच्छी सेहत और लंबी उम्र के लिए अहोई (Ahoi Mata) अष्टमी व्रत 28 अक्टूबर यानि कल किया जाएगा. इस दिन माता पार्वती की पूजा की जाती है. महिलाएं सूरज उगने से पहले नहाकर व्रत का संकल्प लेती हैं. इसके बाद पूरे दिन व्रत रखकर शाम को सूर्यास्त के बाद माता की पूजा करती हैं और अपना व्रत पूरा करती हैं. ये व्रत संतान की अच्छी सेहत और लंबी उम्र के लिए किया जाता है. साथ ही इस दिन देवी पार्वती की पूजा करने से अखंड सुहाग का आशीर्वाद भी मिलता है.
अहोई का मतलब- अनहोनी को होनी बनाना
अहोई का अर्थ होता है अनहोनी को होनी बनाना. इस दिन अहोई माता की पूजा की जाती है. इस अष्टमी का व्रत दिनभर निर्जल किया जाता है. अहोई माता का पूजन करने के लिए महिलाएं सुबह उठकर मंदिर जाती हैं और वहीं पूजा के साथ व्रत शुरू करती है. फिर शाम को पूजा के बाद कथा सुनकर व्रत पूरा किया जाता है. कई जगह ये व्रत चंद्र दर्शन के बाद भी खोला जाता है.
तारे निकलने के बाद शुरू होती है पूजा
इस दिन महिलाएं शाम को दीवार पर अहोई माता का चित्र बनाती हैं और उसके आसपास सेई व सेई के बच्चे भी बनाती हैं. कुछ लोग बाजार से अहोई माता के चित्र लाकर उनकी पूजा भी करते हैं. कुछ महिलाएं पूजा के लिए चांदी की एक अहोई भी बनाती हैं, उसे स्याऊ कहते हैं और उसमें चांदी के दो मोती डालकर विशेष पूजन किया जाता है.
तारे निकलने के बाद अहोई माता की पूजा शुरू होती है. पूजन से पहले जमीन को साफ करके, पूजा का चौक पूरकर, एक लोटे में जल भरकर उसे कलश की तरह चौकी के एक कोने पर रखते हैं और फिर पूजा करते हैं. इसके बाद अहोई अष्टमी व्रत की कथा सुनी जाती है.
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इसे कृष्णाष्टमी भी कहते हैं
इस दिन को कृष्णा अष्टमी भी कहा जाता है. कई लोग इस दिन मथुरा के राधा कुंड में तीर्थ स्नान के लिए आते हैं. ये व्रत खासतौर से उत्तर भारत में मनाया जाता है. यूपी, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश में ये व्रत महत्वपूर्ण माना जाता है.
- Post By Team Fact India