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कोटा (Kota) के दीगोद (Digod) में बजरंगबली के मंदिर हनुमानगढ़ी के नजदीक विशेष समुदाय द्वारा शव को दफनाए जाने का मामला सामने आया, जिसके विरोध में सर्व हिंदू समाज और कोटसुवा बचाओ संघर्ष समिति ने मंगलवार को पूरो दीगोद कस्बे को बंद रखा. साथ ही आव्हान किया कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो गुरुवार को पूरा दीगोद कस्बा हनुमानगढी की और कूच करेगा.
विश्व हिंदू परिषद ग्रामीण जिला उपाध्यक्ष इंद्रराज मीणा ने बताया कि, विशेष समुदाय द्वारा जबरन मंदिर के पास की जमीन को कब्रिस्तान बनाया जा रहा है, जबकि नियमानुसार तीन कब्रिस्तान पहले ही बने हैं. फिर भी वहां शव को न दफनाकर एक खाली जगह पर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है. इन्द्रराज मीणा ने आगे बताया कि समुदाय द्वारा जो कृत्य किया गया है उससे हिंदू समाज की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. इसी के विरोध में मंगलवार को पूरा दीगोद कस्बा बंद रखा गया.
प्रशासन को दी गई ये चेतावनी
इन्द्रराज मीणा ने बताया कि सभी व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे और प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि वहां से शव को निकाल कर कब्रिस्तान में नहीं दफनाया गया तो गुरुवार को पूरा दीगोद कस्बे सहित 11 गांव के लोग हनुमानगढ़ी की और जाएंगे, जिसकी समस्त जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी. इंद्रराज मीणा ने बताया कि 19 फरवरी को एक व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसे तीन किलोमीटर दूर जाकर खाली स्थान पर दफनाया गया, जबकि उसे कब्रिस्तान में दफनाया जाना था, लेकिन इन लोगों ने जानबूझकर वहां दफनाया ताकि, इस खाली जगह पर कब्जा किया जा सके.
प्रशासन को सौंपा गया ज्ञापन
विश्व हिंदू परिषद ग्रामीण जिला उपाध्यक्ष ने कहा कि, इससे हिंदू समाज की धार्मिक आस्था पर ठेस पहुंची है. यह कार्य जानबूझकर किया गया है. 11 गांव के लोग आज इकठ्ठा हुए हैं और दीगोद कस्बे को बंद कराया. 24 घंटे में यदि अवैध कब्जे को नहीं हटाया गया तो आंदोलन को तेज किया जाएगा और पहले हनुमानगढ़ी और फिर उसके बाद कोटा जिले की और कूच किया जाएगा. प्रशासन को कई बार ज्ञापन भी दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
इन्द्रराज मीणा ने कहा कि ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर को भी पूरी घटना से अवगत कराया है, लेकिन उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया. यदि उचित कार्रवाई नहीं होती है तो आंदोलन को तेज किया जाएगा.