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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
10%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
33%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
11%
फिल्मों को हिट करने के लिए
44%
कुछ बता नहीं सकते
11%
Total count : 9

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मम्प्स वायरस हो सकता है खतरनाक, हलके में बिल्कुल न लें

मम्प्स वायरस हो सकता है खतरनाक,  हलके में बिल्कुल न लें
Pooja Parmar
April 1, 2024

कमजोर इम्युनिटी के चलते शरीर बहुत जल्द बीमारियों की चपेट में आ जाता है खासतौर से संक्रामक बीमारियों के। ऐसी ही एक बीमारी है मम्प्स। जिसे गलसुआ रोग के नाम से भी जाना जाता है। इसमें कान के आसपास सूजन, सिर दर्द व बुखार जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। काफी हद तक इसके लक्षण टॉन्सिल से मिलते-जुलते हुए हैं, इसी वजह से कई बार लोग इसे इग्नोर भी कर देते हैं, लेकिन आपको बता दें कि इस बीमारी में लापरवाही बरतने से सुनने की क्षमता भी कम हो सकती है। आइए जानते हैं इस बारे में। 

मम्प्स एक वायरल संक्रमण है, जो पैरामिक्सोवायरस नामक वायरस के कारण होता है। जिसमे सलाइवरी ग्लैंड में सूजन और दर्द होता है। यह वायरस नाक के स्राव और सलाइवा के माध्यम से फैलता है। मम्प्स तेज़ी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।

जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो इससे संक्रमण फैल सकता है। मम्प्स से प्रभावित व्यक्ति में सिरदर्द, बुखार, थकान, भूख न लगना और मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इस रोग में जबड़े में सूजन भी दिखाई देती है। यह मम्प्स से संक्रमित होने के पहले 48 घंटे के दौरान होता है। मम्प्स और टॉन्सिल के लक्षणों को लेकर लोग अकसर कन्फ्यूज रहते हैं, इस वजह से कई बार इसे लोग घरेलू उपचारों से ठीक करने का प्रयास करते रहते हैं, लेकिन ऊपर बताए गए लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो डॉक्टर से तुरंत दिखाएं। कई बार इसके लक्षणों को सामने आने में समय लगता है और तब तक यह वायरस कान और आसपास के अंगों को और ज्यादा इन्फेक्टेड कर चुका होता है। इसके चलते सुनने की क्षमता भी जा सकती है। मम्प्स वायरस का पता लगाने के लिए डॉक्टर्स ब्लड टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं। 

मम्प्स की समस्या ज्यादातर बच्चों में देखने को मिलती है, तो इससे बचाव के लिए बच्चों में रूबेला और एमआर का टीका लगवाना जरूरी है। 

क्योंकि यह एक संक्रामक बीमारी है, तो इससे बचे रहने के लिए सावधानियां बरतना जरूरी है। अगर किसी बच्चे या व्यक्ति में इसके लक्षण नजर आएं, तो इसके लिए संक्रमित व्यक्ति को कुछ दिनों के लिए आइसोलेट कर दें। मास्क लगाकर रहें, रोगी की इस्तेमाल की हुई चीज़ों को अलग रखें और अच्छे से साफ-सफाई के बाद ही दोबारा इस्तेमाल करें। हाथों को साबुन से धोना सबसे कारगर उपाय है संक्रामक बीमारियों से बचे रहने के लिए।

मम्प्स वायरस हो सकता है खतरनाक,  हलके में बिल्कुल न लें