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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
10%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
33%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
11%
फिल्मों को हिट करने के लिए
44%
कुछ बता नहीं सकते
11%
Total count : 9

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अब गहलोत ने शेखावत को कहा- ‘निकम्मा’, PM ऐसे मंत्री को रखते ही क्यों हो जो मीटिंग में रहते हो एब्सेंट-माइंड

The Fact India: राजस्थान की सियासत में इन दिनों गाहे-बगाहे निकम्मा शब्द सुनने को मिल ही जाता है. खास तौर पर निकम्मा शब्द मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पसंदीदा शब्द बना हुआ है. सीएम गहलोत सचिन पायलट के लिए कई मर्तबा निकम्मा-नाकारा शब्द का प्रयोग कर चुके हैं. अब सीएम गहलोत (Gehlot-Shekhawat) ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को निकम्मा बता दिया.

दरअसल इस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. इस दैरान उन्होंने शेखावत (Gehlot-Shekhawat) पर निशाना साधते हुए कहा कि गजेंद्र सिंह खुद प्रधानमंत्री की सभा में थे, आपने देखा होगा फोटो में, इसके बावजूद वे इस तरह की बात बोल रहे हैं. इसका मतलब वो एब्सेंट माइंड रहते हैं, मीटिंग के अंदर. प्रधानमंत्री की मीटिंग में एब्सेंट माइंड रहना अच्छी बात है क्या? इसका मतलब हम कभी कहेंगे कि प्रधानमंत्री जी ऐसे निकम्मे मंत्री को रखते ही क्यों हो जो आपकी मीटिंग में ही एब्सेंट माइंड रहता है. प्रधानमंत्री बोले और आपने सुना ही नहीं, गजेंद्र सिंह खुद कह रहे हैं कि सुना ही नहीं.

International Astrology Conference : राज्यपाल ने किया अंतर्राष्ट्रीय एस्ट्रोलॉजी कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन

गहलोत ने कहा- आपने देखा होगा कि पांच राज्यों की कॉन्फ्रेंस चल रही थी. इसमें जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कहा​ कि प्रधानमंत्री ने ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का अजमेर और जयपुर की सभाओं में वादा किया था, आप निभाओ. मंत्रीजी-शेखावत ने बैठे-बैठे लेक्चर दे दिया कि मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा. अगर प्रधानमंत्री ने इस तरह का वादा किया हो, नहीं तो मुख्यमंत्री और आपको लेना होगा, फरमान जारी कर दिया. अब लें वे संन्यास, क​हां चले गए, यह स्थिति है.

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