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अमेरिकी अखबार ने लिखा- भाजपा दुनिया की सबसे अहम पार्टी, 2024 में फिर जीत की ओर अग्रसर
- March 22, 2023 Author : Santosh Pandey
The Fact India: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दुनिया का सबसे अहम अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक दल है। अमेरिकी अखबार 'द वॉल स्ट्रीट जर्नल' में एक ओपिनियन आर्टिकल यानी वैचारिक लेख में ऐसा दावा किया गया है। वॉल्टर रसेल मीड की ओर से लिखे गए इस लेख में कहा गया है कि शायद इस पार्टी के बारे में दुनिया में सबसे कम जाना गया है। लेख के मुताबिक, अमेरिकी हितों के लिहाज से भाजपा सबसे अहम पॉलिटिकल पार्टी है। इंडो-पैसिफिक में चीन का मुकाबला करना है तो अमेरिका को भारत की सबसे ज्यादा जरूरत होगी।
लेख में कहा गया है कि 2014 और 2019 में चुनावी जीत के बाद भाजपा 2024 में फिर जीत की तरफ बढ़ रही है। भारत बड़ी इकोनॉमिक पॉवर के तौर पर उभर रहा है। इस इलाके में जापान पहले ही अमेरिका के साथ है। भविष्य में भाजपा ऐसा दबदबा बनाएगी कि जिसकी मदद के बिना अमेरिका चीन की बढ़ती ताकत को नहीं रोक पाएगा। ऐसा करना उसके लिए बेहद मुश्किल होगा।
दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनना चाहती है भाजपा
लेखक मीड ने कहा कि भाजपा को कम आंका जाता है। इसकी वजह ज्यादातर गैर भारतीय इससे और इसकी कल्चरल हिस्ट्री से वाकिफ नहीं हैं। आज जो भाजपा की चुनावी ताकत है वो उसके कार्यकर्ताओं की पीढ़ियों की मेहनत और सामाजिक आंदोलनों से आई है। मीड ने लिखा है कि इजराइल की लिकुड पार्टी की ही तरह भाजपा प्रो-मार्केट इकोनॉमी चाहती है और इसके लिए पॉपुलर और ट्रेडिशनल नारों का सहारा लेती है। कई मामलों में भाजपा पश्चिमी उदारवाद को खारिज करती है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की तरह, भाजपा एक अरब से अधिक लोगों के साथ भारत को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनाना चाहती है।
आरएसएस की ताकत से डरते हैं लोग
अखबार में छपे लेख में कहा गया है कि धार्मिक अल्पसंख्यक जो पुनरुत्थानवादी हिंदू गौरव के खिलाफ हैं, वे बताते हैं कि भाजपा धर्मांतरण विरोधी कानूनों और कभी-कभार भीड़ से हिंसा करवाने का इशारा करती है। बहुत से लोग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ताकत से डरते हैं, जो कि हिंदू राष्ट्रवादी संगठन है। इसका भाजपा से संबंध है। मीड का मानना है कि सत्ता की आलोचना करने वाले पत्रकारों को उत्पीड़न और इससे भी खराब हालातों का सामना करना पड़ सकता है।
विश्व की सबसे शक्तिशाली सामाजिक संगठन है आरएसएस
अखबार के लेख के मुताबिक, बुद्धिजीवियों और धार्मिक उत्साही लोगों के शामिल होने से आरएसएस विश्व की सबसे शक्तिशाली संगठन बन गया है। इसके ग्रामीण और शहरी विकास कार्यक्रम, धार्मिक शिक्षा और सुधार की कोशिशों के साथ सभी क्षेत्रों में हजारों स्वयंसेवक लाखों लोगों के राजनीतिक विचार को बदलने में सफल रहे हैं।
भारत में योगी को मोदी का उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा
मीड ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ मुलाकात को भी याद किया। उन्होंने लेख में लिखा है कि जब मैं योगी आदित्यनाथ से मिला, वे सीएम के रूप में हिंदू भिक्षु थे। जिन्हें सबसे कट्टरपंथी आवाजों में से एक माना जाता है। योगी को 72 वर्षीय प्रधानमंत्री मोदी का उत्तराधिकारी माना जाता है। इसी तरह, मुलाकात के दौरान मोहन भागवत ने मुझसे भारत के आर्थिक विकास में तेजी लाने की आवश्यकता के बारे में बात की। उन्होंने इस बात को खारिज कर दिया कि धार्मिक अल्पसंख्यकों को भेदभाव या नुकसान उठाना चाहिए।
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार को शिया मुस्लिमों का भरपूर समर्थन
लेख में कहा गया है कि भारत के नॉर्थ-ईस्ट के क्रिश्चियन स्टेट्स में भाजपा को चुनावी सफलताएं मिली हैं। भाजपा की सरकार वाला उत्तर प्रदेश में शिया मुस्लिमों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। जातिगत भेदभाव से लड़ने की कोशिश में आरएसएस के कार्यकर्ता महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। भाजपा और आरएसएस के सीनियर नेताओं और उनके आलोचकों के साथ रहने के बाद यह कहा जा सकता है कि अमेरिकी और पश्चिमी लोगों को जटिल और प्रभावशाली आंदोलनों के साथ ज्यादा गहराई से जुड़ने की जरूरत है।
चीन से बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका को भारत की जरूरत
लेख में मीड ने कहा है कि मुझे यह आभास हुआ कि भारत अपने सामाजिक और राजनीतिक आधार के जरिए बाहरी दुनिया के साथ गहराई से और उपयोगी रूप से जुड़ना चाहता है। भाजपा और आरएसएस के साथ जुड़ने का निमंत्रण ऐसा है जिसे अमेरिकी इनकार नहीं कर सकते। जैसे-जैसे चीन के साथ तनाव बढ़ रहा है, अमेरिका को आर्थिक और राजनीतिक भागीदारी के लिए भारत की जरूरत है।
- Post By Santosh