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पेपरलीक मामले में आरपीएससी सदस्य कटारा सहित 5 आरोपियों की प्रॉपर्टी अटैच; ईडी की जांच में खुलासा, कटारा ने जीके का पेपर आउट किया
The Fact India: पेपरलीक मामले में डायरेक्ट्रेट ऑफ एन्फॉर्समेंट (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा के साथ आरोपी सुरेश बिश्नोई, सुरेश ढ़ाका, भूपेंद्र सारण और शेर सिंह मीणा की करीब 3.11 करोड़ की प्रॉपर्टी अटैच कर दी। ईडी ने ये कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत की है।
ईडी ने राजस्थान पुलिस की एफआईआर के आधार पर सुरेश बिश्नोई, सुरेश ढ़ाका, भूपेंद्र सारण और शेर सिंह मीणा सहित संबंधित आरोपियों के खिलाफ पीएमएलए के तहत केस दर्ज करके जांच शुरू की थी।
ईडी की जांच में सामने आया कि आरोपियों ने सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा 2022 के जनरल नॉलेज के पेपर को लीक किया था। आरपीएससी ने राजस्थान भर के सेंटर्स पर 21, 22 और 24 दिसंबर 2022 को सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा करवाई थी।
ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि आरपीएससी मेंबर बाबूलाल कटारा ने जीके का पेपर लीक किया था। कटारा ने जीके का पेपर शिक्षक अनिल मीणा उर्फ शेर सिंह मीणा को दिया था। शेर सिंह मीणा ने लीक पेपर को भूपेंद्र सारण और सुरेश ढाका को आगे बेचा।
भूपेंद्र सारण और सुरेश ढाका ने जीके का लीक पेपर देने के बदले हर कैंडिडेट से 8 से 10 लाख रुपए लिए। लीक हुआ पेपर उदयपुर में 150 कैंडिडेट्स को और जयपुर में 30 कैंडिडेट्स को आठ से 10 लाख रुपए वसूल कर उपलब्ध करवाया गया। पेपर लीक में करीब 18 करोड़ रुपए का लेनदेन सामने आया है।
ईडी ने शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक करके उसे बेचने में लाखों रुपए का लेनदेन होने को मनी लॉन्ड्रिंग का मामला मानते हुए पीएमएलए के तहत केस दर्ज किया था। शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपरलीक के आरोपी दूसरी भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक करने वाले रैकेट का हिस्सा रहे हैं। आरोपी दूसरी भर्ती परीक्षाओं में डमी कैंडिडेट बैठाकर फर्जीवाड़ा करने में भी शामिल रहे हैं।
ईडी इस मामले में आगे भी जांच कर रही है। ईडी के राडार पर आरोपियों की और भी कई प्रॉपटीज बताई जा रही है। जांच पूरी होने के बाद कुछ और लोगों की प्रॉपर्टी भी अटैच हो सकती है।