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टिकट के 400 दावेदारों से कांग्रेस ने किया वन टू वन संवाद; हवामहल सीट से मंत्री-बेटे ने दावेदारी पेश की, पार्षद ने विधायक रफीक का किया विरोध
The Fact India: राजस्थान में विधानसभा चुनाव को दो महीने शेष रह गए हैं। कांग्रेस और भाजपा ने अपने-अपने प्रत्याशियों को लेकर मंथन करना शुरू कर दिया है। जयपुर जिले की 19 विधानसभाओं के प्रत्याशी लिए रविवार को कांग्रेस ने दावेदारों से वन टू वन संवाद किया। प्रदेश इलेक्शन कमेटी (पीईसी) के सदस्य भंवर जितेंद्र सिंह व मंत्री शाले मोहम्मद ने बड़ी चौपड़ पर शहर कांग्रेस कार्यालय में 400 दावेदारों से वन टू वन संवाद किया।
इस दौरान जयपुर के हवामहल विधानसभा क्षेत्र से मंत्री महेश जोशी और उनके बेटे रोहित दोनों ने दावेदारी पेश कर दी। रविवार को मंत्री महेश जोशी पीईसी सदस्यों को इंटरव्यू देने पहुंचे। वहीं, जब महेश जोशी इंटरव्यू देकर निकल रहे थे तो उनके बेटे रोहित जोशी भी इंटरव्यू देने के लिए पहुंचे।
जब इस बारे में मंत्री महेश जोशी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि रोहित ने मुझे इस बात को लेकर सलाह नहीं ली है। लेकिन अगर किसी पिता को उसके पुत्र के नाम से जाना जाए तो उसके पिता के लिए इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता है।
पार्षद उमरदराज ने विधायक रफीक खान को बाहरी बताते हुए टिकट देने का विरोध किया। जयपुर की आदर्श नगर विधानसभा सीट से टिकट के दावेदार पार्षद उमरदराज भी पीईसी के सामने आए।
उन्होंने अपने लिए टिकट मांगने के साथ ही कहा कि आदर्श नगर से विधायक रफीक खान बाहरी है। पार्टी चाहे किसी को भी टिकट दे दें। अगर विधायक रफीक खान को टिकट दिया तो उन्हें मंजूर नहीं है। अगर रफीक खान को टिकट मिला। वह उसके खिलाफ चुनाव जरूर लड़ेंगे।
पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल ने हवामहल, आदर्श नगर और किशनपोल विधानसभा सीटों से टिकट मांगा। तो वहीं गिर्राज खंडेलवाल ने सिविल लाइंस और किशनपोल विधानसभा से टिकट मांगा।
भंवर जितेंद्र सिंह ने कहा कि टिकट देने के अलग-अलग पैरामीटर हैं। इसमें सर्वे भी हैं। एआईसीसी के ऑब्जर्वर विधानसभा क्षेत्रों में जाएंगे। यह देखा जाएगा की किसने कितना काम किया हैं। संगठन में कौन सक्रिय रहा हैं। फील्ड में कौन काम कर रहा है। जनता में किसकी कितनी पकड़ हैं। किसी का बेटा होना, किसी बड़े पद पर होना। टिकट मिलने की गारंटी नहीं है। टिकट जीताऊ उम्मीदवार को ही मिलेगा।
वन टू वन संवाद को लेकर उन्होंने कहा कि यहां नया नजारा ही देखने को मिल रहा है। इस बार बड़ी संख्या में दावेदार आ रहे हैं। आज का जो प्रोसेस है। उसके बाद यह नाम प्रदेश इलेक्शन कमेटी के पास जाएंगे। शॉर्ट लिस्ट नामों को स्क्रीनिंग कमेटी के पास भेजा जाएगा।
दरअसल, कांग्रेस ने इस बार विधानसभा चुनावों में टिकट के दावेदारों के नाम ब्लॉक स्तर से लिए है। अब इसकी स्क्रूटनी को लेकर प्रदेशभर में प्रदेश इलेक्शन कमेटी के सदस्य इन दावेदारों से वन टू वन संवाद कर रहे है।