Categories
Vote / Poll
BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?
Vote / Poll
डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?
Vote / Poll
कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?
Vote / Poll
फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?
Recent Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!
Recommended Posts
Featured Posts
डीजीपी साइबर सिक्योरिटी बोले- राजस्थान पुलिस साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए कर रही है काम; मेवात क्षेत्र में एक लाख से अधिक सिम निष्क्रिय किए
The Fact India: राजस्थान के डीजीपी साइबर सिक्योरिटी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने कहा है कि वर्तमान साइबर युग में साइबर अपराध के खतरे भी लगातार बढ़ रहे हैं। राजस्थान पुलिस बढ़ते साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए व्यापक स्तर पर कार्य कर रही है। शनिवार को स्थानीय होटल सफारी में साइबर सिक्योरिटी पर आयोजित कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के तौर पर डॉ. मेहरड़ा संबोधित किया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में साइबर थाने स्वीकृत किए है। 50 करोड़ रुपये की लागत से सेंटर फॉर साइबर सिक्योरिटी की स्थापना की जा रही है।
डीजीपी ने बताया कि बढ़ते साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए पुलिसकर्मियों की तकनीकी दक्षता पर विशेष बल दिया जा रहा है। साइबर तकनीकी दक्षता बढ़ाने के लिए उन्हें साइबर सिक्योरिटी डिप्लोमा कोर्स भी करवाया जा रहा है। विभिन्न गतिविधियां आयोजित कर डिजिटल जागरूकता को प्रोत्साहित करने के लिए विगत दिनों राजस्थान पुलिस हैकाथन पोर्टल की शुरुआत की गई।
डीजीपी ने बताया कि साइबर अपराध की चुनौती का सामना करने के लिए पुलिस तत्परता से कार्य कर रही हैं। पिछले दिनों मेवात क्षेत्र में करीब एक लाख 28 हजार सिम और एक लाख मोबाइल सेट को निष्क्रिय किया गया। पुलिस इंटर्नशिप प्रोग्राम के माध्यम से अद्यतन युवा प्रतिभाओं को भी जोड़ा जा रहा है।
अतिरिक्त निदेशक जनसंपर्क गोविंद पारीक ने कहा कि साइबर अपराधों की प्रभावी रोकथाम के लिए जनता को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक करने की आवश्यक है। अधिकांश साइबर अपराध जाली ईमेल, मैसेज या फोन कॉल पर बैंककर्मी बनकर एटीएम नंबर और पासवर्ड आदि की जानकारी लेकर किए जाते हैं। भूलकर भी अपनी एटीएम नंबर और पासवर्ड आदि की जानकारी को इंटरनेट या फोनकॉल या मैसेज के माध्यम से नहीं दें।
एटीएम कार्ड का नंबर और पासवर्ड इत्यादि किसी अन्य को नहीं बताएं। फर्जी ईमेल और फर्जी व्हाट्सएप मैसेज से भी सतर्क रहने की आवश्यकता है। अनजान व्यक्तियों से फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करने में सावधानी बरतें। वीडियो कॉल के दौरान किसी भी तरह के अशोभनीय अनुरोध को स्वीकार ना करें। यदि फिर भी आप साइबर क्राइम के शिकार बन गए हैं तो तत्काल 1930 डायल करें।
एचडीएफसी बैंक के जोनल हेड प्रियांक विजय ने बैंक द्वारा साइबर फ्रॉड से बचने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। साइबर क्राइम का मुख्य कारण लापरवाही एवं लालच है।
कार्यक्रम आयोजक व गोपालपुरा व्यापार मंडल के संरक्षक पवन गोयल ने बताया कि साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए जागरूकता के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि व्यापारी वर्ग विशेष रूप से साइबर ठगी का शिकार होता है। इस साइबर ठगी से बचने के लिए साइबर संबंधी जागरूकता आवश्यक है।