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ईद पर सड़क पर नमाज अदा करने पर करीब 1700 लोगों पर एफआईआर, मुस्लिम पर्सनल बोला- संप्रदाय विशेष को टारगेट किया जा रहा
The Fact India: उत्तर प्रदेश के कानपुर में ईद के त्योहार पर सड़क पर नमाज अदा करना भारी पड़ गया। पुलिस ने करीब 1700 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर में सरकारी काम में बाधा, यातायात अवरुद्ध और जाम लगने का आरोप लगाया गया है। कानपुर पुलिस की इस कार्रवाई पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने नाराजगी जताई है। बोर्ड के सदस्य मो. सुलेमान ने कहा है कि एक संप्रदाय विशेष को टारगेट किया जा रहा है।
पर जाजमऊ स्थित ईदगाह के बाहर दादा मियां मजार रोड पर रोक के बावजूद नमाज पढ़ने पर बुधवार शाम चौकी प्रभारी राजबहादुर सिंह ने इंतजामियां ईदगाह जाजमऊ कमेटी और 200 से 300 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। उत्तर प्रदेश के कानपुर में सड़क आदि सार्वजनिक जगहों पर नमाज अदा करने पर पाबंदी लगाई गई थी। इसके बाद भी कानपुर के मरकजी ईदगाह बेनाझाबर में सड़क पर नमाज अदा की गई।
ईद पर बेनाझाबर स्थित बड़ी ईदगाह के बाहर पुलिसकर्मियों के मना करने के बाद भी लोग नहीं माने और सड़क पर बैठकर नमाज पढ़ने लगे। इसके बाद कानपुर के बाबूपुरवा थाने के बेगमपुरवा चौकी प्रभारी की तहरीर पर एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस का कहना है कि सड़क पर नमाज पढ़ने पर रोक थी, फिर भी कुछ लोगों ने ऐसा किया। फोटो और वीडियो मंगाए हैं। उससे इनकी पहचान की जाएगी।\
कानपुर में में ईद की नमाज सड़क पर पढ़ने पर 1700 लोगों के खिलाफ तीन थानों में एफआईआर दर्ज हुई है। पुलिस का कहना है कि रोक के बावजूद 22 अप्रैल को जाजमऊ, बाबूपुरवा और बड़ी ईदगाह बेनाझाबर के बाहर सड़क पर नमाज पढ़ी गई। जाजमऊ में 200 से 300, बाबूपुरवा में 40 से 50, बजरिया में 1500 नमाजियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें ईदगाह कमेटी के सदस्य भी शामिल हैं। पुलिस ने कहा कि ईद से पहले पिस कमेटी की बैठक हुई थी, जिसमें बताया भी गया था कि सड़क पर नमाज नहीं पढ़ी जाएगी। ईद की नमाज सिर्फ ईदगाह और मस्जिद के अंदर ही पढ़ी जाएगी।
अब कानपुर पुलिस ने नमाजियों के खिलाफ धारा-186 (सरकारी काम में बाधा डालना, धारा-188 (धारा-144 का उल्लंघन कर भीड़ जुटाना), धारा-283 (भीड़ जुटाकर रास्ता रोकना), धारा- 341 (सदोष अवरोध) और लोक सेवा में बाधा डालना और धारा- 353 के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस के एफआईआर पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य ने नाराजगी जताई है।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मो. सुलेमान ने कहा कि एक संप्रदाय विशेष को टारगेट किया जा रहा है। ऐसा लगता है कि किसी एक धर्म का राष्ट्र हो गया है। मो. सुलेमान ने कहा कि मस्जिद और ईदगाहों में कैंपस के अंदर ही नमाज हुई है। बाबूपुरवा में इतनी बड़ी ईदगाह नहीं है। 10 मिनट के लिए अगर जगह नहीं मिलती है, तो नमाजी सड़क पर बिछा लेते हैं। बाबूपुरवा में भी इसी तरह सड़क पर नमाज हुई। लेकिन, बाबूपुरवा के दरोगा ने एफआईआर दर्ज करा दी।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि मुकदमा सड़क पर नमाज पढ़ने का नहीं हुआ है। बल्कि, लोकसेवा में बाधा डालना, जो गंभीर अपराध है। दूसरी महामारी अधिनियम की धारा लगाई है। यह हमारी हुकूमत का माइंड सेट है, जिस पर इस तरह के उत्साहित पुलिसकर्मी काम कर रहे हैं। यह निंदनीय है, समाज के लिए ठीक नहीं है।