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गुजरात हाईकोर्ट ने पीएम मोदी की डिग्री की डिटेल देने का आदेश रद्द किया, केजरीवाल पर 25 हजार रुपए जुर्माना
- March 31, 2023 Author : Santosh Pandey
The Fact India: गुजरात हाईकोर्ट ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री की डिटेल देने संबंधी आदेश को रद्द कर दिया। हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के जज जस्टिस बीरेन वैष्णव ने 2016 में चीफ इनफॉर्मेशन कमिश्नर (सीआईसी) के दिए गए आदेश को रद्द कर दिया। इस मामले में कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया, जिन्होंने पीएम के डिग्री सर्टिफिकेट्स की डिटेल मांगी थी। जुर्माना का यह पैसा गुजरात राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के पास जमा किया जाएगा। दो महीने पहले हाईकोर्ट ने केस की सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
बता दें कि सीआईसी ने पीएमओ के जन सूचना अधिकारी (पीआईओ), गुजरात यूनिवर्सिटी और दिल्ली यूनिवर्सिटी के पीआईओ को आदेश दिया था कि मोदी की ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री की डिटेल पेश करे। पीएम मोदी के मुताबिक, उन्होंने 1978 में गुजरात यूनिवर्सिटी से स्नातक और 1983 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से परास्नातक (पीजी) की पढ़ाई पूरी की थी। दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने अप्रैल 2016 में केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) को पत्र लिखकर पीएम मोदी की शैक्षिक योग्यता से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की थी।
केजरीवाल ने पत्र में लिखा कि इस मुद्दे पर किसी भी तरह के भ्रम को दूर करने के लिए डिग्री को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। इसके बाद सीआईसी ने गुजरात यूनिवर्सिटी से पीएम मोदी की एमए डिग्री के बारे में केजरीवाल को जानकारी मुहैया कराने को कहा गया था। सीआईसी के इस आदेश को यूनिवर्सिटी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट में यूनिवर्सिटी की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि केवल इसलिए कि कोई सार्वजनिक पद पर है, उसकी निजी जानकारी नहीं मांगी जानी चाहिए। लोकतंत्र में इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि पद पर आसीन व्यक्ति डॉक्टर है या अनपढ़।
पीएम मोदी की डिग्री पहले से पब्लिक डोमेन में है। लेकिन डिग्री के लिए किसी तीसरे व्यक्ति को खुलासा करने के लिए आरटीआई के तहत जानकारी देने की कोई बाध्यता नहीं है। यूनिवर्सिटी को डिग्रियों का खुलासा करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है, खासकर तब जब यह कोई जनहित का मामला न हो। कोर्ट के फैसले के बाद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि क्या देश को जानने का हक नहीं है कि उनके प्रधानमंत्री कितने पढ़े हैं।
- Post By Santosh