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इंदिरा गांधी फ्री स्मार्टफोन योजना पर गहलोत सरकार को हाईकोर्ट का नोटिस; पूछा- क्यों न इसे निरस्त कर दिया जाए, पांच अक्टूबर तक मांगा जवाब
The Fact India: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इंदिरा गांधी स्मार्टफोन गारंटी कार्ड योजना पर राजस्थान हाईकोर्ट कड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने पूछा है कि क्यों न इस आदेश को निरस्त किया जाए। इस मामले में जोधपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 5 अक्टूबर तक जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। याचिकाकर्ता अधिवक्ता मुदित नागपाल ने राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्य पीठ में आयोजना विभाग के 21 अगस्त 2023 के आदेश को चुनौती दी है। याचिका की सुनवाई मंगलवार को जस्टिय विजय बिश्नोई तथा जस्टिस योगेंद्र कुमार पुरोहित की खंडपीठ में हुई।
अधिवक्ताओं ने तर्क दिए कि राजस्थान सरकार द्वारा शुरू की गई इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना को राज्य की कल्याणकारी गतिविधि नहीं कहा जा सकता है। यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। योजना के उद्देश्यों और कार्यान्वयन से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि यह तर्कसंगतता और आनुपातिकता की कसौटी पर खरी नहीं उतरती।
याचिका में कहा गया कि जिस तरह से स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा सार्वजनिक घोषणा की गई है और जिस तरह से वर्तमान सरकार स्मार्टफोन गारंटी कार्ड की उक्त योजना का प्रचार-प्रसार करने की कोशिश की जा रही है, वह स्पष्ट रूप से अंतर्निहित राजनीतिक एजेंडे को दर्शाता है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने कोर्ट में दलील दी कि आदेश में चिरंजीवी कार्ड धारकों के परिवारों की एक करोड़ महिला मुखियाओं को राज्य सरकार द्वारा दिए जाने वाले गारंटी कार्ड वितरित करने का प्रस्ताव है। सरकार की इस प्रतिबद्धता का राज्य की अर्थव्यवस्था और राज्य सरकार के बजट पर भारी वित्तीय प्रभाव पडे़गा। घोषणा करने से पहले कोई वित्तीय मंजूरी भी नहीं ली गई।
याचिका में तर्क दिया कि यह गारंटी कार्ड योजना सरकार पर प्रत्यक्ष देनदारी बढ़ा सकती है। उन्हें राज्य विधानसभा के किसी भी अनुमोदन के बिना वितरित करने की कोशिश की जा रही है। राजस्थान सरकार ने एक करोड़ चिरंजीवी कार्ड धारक परिवारों की सभी महिला मुखियाओं को ऐसे गारंटी कार्ड जारी करने का प्रस्ताव दिया है, जो जरूरी नहीं कि समाज के वंचित या पिछड़े तबके से हों।
इस प्रकार, ऐसे चिरंजीवी कार्ड धारकों के परिवारों की सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना स्मार्टफोन गारंटी कार्ड वितरित करने की घोषणा की गई है। इससे राज्य के खजाने पर भारी राजकोषीय बोझ पड़ने वाला है।