Categories
Vote / Poll
BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?
Vote / Poll
डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?
Vote / Poll
कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?
Vote / Poll
फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?
Recent Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!
Recommended Posts
Featured Posts
कनाडा में भारत का विरोध कर रहे खालिस्तानियों के सामने आए भारतीय; ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में प्रदर्शनकारियों की नहीं जुट पाई भीड़
The Fact India: कनाडा में भारत का विरोध कर रहे खालिस्तानी समर्थकों और भारतीय आमाने-सामने आ गए। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के विरोध में कनाडा में भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर करीब ढाई सौ खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों ने झंडे लहराए और नारे भी लगाए। इसके जवाब में तिरंगा लेकर भारतीय समुदाय के लोग वहां आ पहुंचे और भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाए।
इस दौरान भारतीयों के हाथ में खालिस्तानी सिख नहीं होते स्लोगन लिखा हुआ तख्ती था। भारतवंशियों के प्रदर्शन और नारेबाजी के आगे खालिस्तानियों की रैली फीकी पड़ गई। प्रदर्शन के दौरान दोनों पक्ष के समर्थक आमने-सामने नजर आए।
खालिस्तानी समर्थकों ने कनाडा में प्रदर्शन की शुरुआत करते हुए भारत माता मंदिर के बाहर अपना पोस्टर लगा दिया था। इस पर वॉर जोन लिखा हुआ था। पोस्टर में भारतीय डिप्लोमैट्स की तस्वीर थी, जिन्हें निज्जर की हत्या का दोषी बताया गया था।
दूसरी तरफ, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में भारतीय दूतावासों के बाहर खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों की भीड़ इकट्ठा ही नहीं हो पाई। लंदन में भारतीय हाईकमीशन के बाहर करीब 30-40 खालिस्तानी समर्थक झंडे लिए नजर आए।
आतंकवादी परमजीत सिंह पम्मा ने इनका नेतृत्व किया। इस दौरान वहां मौजूद पुलिस बल ने आतंकी पम्मा के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया। भीड़ नहीं जुटने की वजह से ये प्रदर्शन तय समय से पहले ही खत्म हो गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, खालिस्तानियों के प्रदर्शन का नेतृत्व आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू और परमजीत सिंह पम्मा ने किया था। इन पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से फंडिंग लेने का आरोप है।
खालिस्तानी समर्थकों को अब विदेशों में मिलने वाला सपोर्ट कम होने लगा है। इसके पीछे का कारण भारत सरकार की तरफ से बनाया जा रहा दबाव और खालिस्तानी समर्थकों की तरफ से भारतीय दूतावासों व राजनयिकों को नुकसान पहुंचाने की धमकी है।
इसके बाद से कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रालय स्पष्ट कह चुके हैं कि वे अपनी धरती पर आतंकवादी गतिविधियों को अनुमति नहीं देंगे।