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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
10%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
33%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
11%
फिल्मों को हिट करने के लिए
44%
कुछ बता नहीं सकते
11%
Total count : 9

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सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम लीग बोली- भाजपा का चुनाव चिन्ह कमल बैन हो, धर्म से है इसका संबंध

The Fact India: इंडियन मुस्लिम लीग को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चुनाव चिन्‍ह से आपत्ति है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम लीग ने एक याचिका दायर की। याचिका में मुस्लिम लीग ने कोर्ट से धर्म से जुड़े चुनाव चिन्ह को बैन करने की मांग की है। मुस्लिम लीग का कहना है कि हिंदुओं के देवी-देवताओं का संबंध कमल के फूल से है। धार्मिक भावनाओं को देखते हुए इसे प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। भाजपा को धार्मिक नामों और प्रतीकों से रोकने की मांग वाली याचिका में प्रतिवादी बनाए जाने की भी मांग की है।

 

बता दें कि यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सैयद वसीम रिजवी (अब जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी) ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि पार्टियों के नाम में धार्मिक शब्दों का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। जस्टिस एमआर शाह और सीटी रवि कुमार की बेंच के सामने मुस्लिम लीग की याचिका पर सुनवाई हुई।

 

मुस्लिम लीग के एडवोकेट दुष्यंत दवे ने कहा कि भाजपा के अलावा 26 दलों के चुनाव चिन्ह भी धार्मिक हैं। इन्हें भी प्रतिवादी बनाना चाहिए। इसमें शिवसेना, हिंदू सेना, हिंदू महासभा, क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक फ्रंट, शिरोमणि अकाली दल और इस्लाम पार्टी शामिल हैं। दवे ने कहा कि हमने भाजपा के अलावा 26 दलों को इस मामले में प्रतिवादी बनाने के लिए निवेदन किया है। इस पर विचार किया जाना चाहिए।

 

उन्होंने अपनी दलील में कहा कि हिंदू और बौद्ध दोनों ही धर्मों में कमल को धार्मिक रूप में बताया गया है। इस याचिका पर भारत के पूर्व अटॉनी जनरल ने सवाल उठाए हैं। पूर्व अटॉर्नी जनरल और सीनियर एडवोकेट वेणुगोपाल मामले में याचिका के खिलाफ एआईएमआईएम की तरफ से कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने याचिका पर ही सवाल खड़े कर दिए। वेणुगोपाल ने कहा कि याचिका दायर करने वाली पार्टी के किसी भी मौलिक अधिकार का हनन नहीं हो रहा है, इसलिए याचिका को खारिज कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले से इस मामले से जुड़ा एक मामला दिल्ली कोर्ट में लंबित है।

सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम लीग बोली- भाजपा का चुनाव चिन्ह कमल बैन हो, धर्म से है इसका संबंध

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