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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
9%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
33%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
11%
फिल्मों को हिट करने के लिए
44%
कुछ बता नहीं सकते
11%
Total count : 9

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दिल्ली हाईकोर्ट से एनआईए की मांग, मलिक को फांसी की सजा दी जाए; जांच एजेंसी बोली- जुर्म कुबूल करने पर फांसी ना देना, न्याय की विफलता

दिल्ली हाईकोर्ट से एनआईए की मांग, मलिक को फांसी की सजा दी जाए; जांच एजेंसी बोली- जुर्म कुबूल करने पर फांसी ना देना, न्याय की विफलता
Santosh Pandey
May 29, 2023

The Fact India: राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दिल्‍ली हाईकोर्ट से कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को फांसी की सजा देने की मांग की है। एनआईए फांसी की सजा देने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने यासीन को 9 अगस्त को पेश होने को कहा है। यासीन मलिक फिलहाल तिहाड़ जेल में उम्र कैद की सजा काट रहा है। जस्टिस सिद्वार्थ मृदुल और जस्टिस यशवंत सिंह की बेंच ने यासीन का कबूलनामा और आरोपों की कॉपी मंगाई।

 

यासीन मलिक एक अलगाववादी नेता है। वह जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) से जुड़ा है। वह कश्मीर की राजनीति में हमेशा से ही सक्रिय रहा है। उस पर युवाओं को भड़काने और हाथों में बंदूक लेने के लिए प्रेरित करने का आरोप है। 2022 में एनआईए कोर्ट ने यूएपीए और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में यासीन को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस मामले में यासीन ने अपना गुनाह भी कबूल कर लिया था।

 

इसके पहले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने एनआईए की तरफ से कहा कि अगर हर अपराधी अपना दोष स्वीकार कर लेगा तो फिर उन्हें केवल आजीवन कारावास मिलेगा, मृत्युदंड नहीं। ऐसा न करना न्याय की विफलता होगी, क्योंकि आईपीसी की धारा 121 में भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने पर मौत की सजा का प्रावधान है। यदि यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस नहीं है, जहां कोई लगातार सशस्त्र विद्रोह, सेना के लोगों की हत्या और उत्तराधिकार की वकालत कर रहा है, तो यह कभी भी रेयरेस्ट ऑफ द रेयर केस नहीं हो सकता है।

 

कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को एनआइए कोर्ट ने टेरर फंडिंग केस में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। यासीन को कई धाराओं में सजा मिली है। दो मामलों में उम्रकैद और अन्य मामलों में 10 साल सजा सुनाई गई है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। यासीन पर पाकिस्तान के समर्थन से कश्मीर में आतंकी हमलों के लिए फंडिंग और आतंकियों को हथियार मुहैया कराने से जुड़े कई केस दर्ज थे।

दिल्ली हाईकोर्ट से एनआईए की मांग, मलिक को फांसी की सजा दी जाए; जांच एजेंसी बोली- जुर्म कुबूल करने पर फांसी ना देना, न्याय की विफलता

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