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दो दिवसीय राजकीय दौरे पर पीएम मोदी मिस्र पहुंचे, प्रधानमंत्री मुस्तफा ने एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत किया; कल राष्ट्रपति अब्देल से करेंगे मुलाकात
The Fact India: अमेरिका की राजकीय यात्रा पूरी करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर मिस्र पहुंच गए। एयरपोर्ट का मिस्र के प्रधानमंत्री मुस्तफा मैडबौली ने पीएम मोदी का जोरदार स्वागत किया। राजधानी काहिरा में उनका स्वागत गार्ड ऑफ ऑनर के साथ हुआ। मोदी की इस विजिट को बाइलेट्रल ट्रेड के हवाले से बेहद अहम माना जा रहा है। बता दें कि पिछले 26 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की मिस्र की पहली यात्रा है। पीएम मोदी कल (रविवार) मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी से मुलाकात करेंगे।
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सीसी इसी साल हमारे 74वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे। छह महीने अंदर दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों की यह दूसरी मुलाकात होगी। मोदी यहां भारतीय मूल के लोगों से भी मुलाकात करेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री एक हजार साल पुरानी शिया मस्जिद अल-हाकिम भी जाएंगे।
मिस्र एक ऐसा देश है, जिसे डिप्लोमैटिक वर्ल्ड में ‘डबल हैट’ भी कहा जाता है। दरअसल, मिस्र अरब के साथ ही अफ्रीकी देशों में भी शुमार किया जाता है। मायने ये हुए कि भारत अगर यहां प्रभाव बढ़ाता है तो वो अरब के साथ अफ्रीका में भी मजबूत हो सकेगा। इजिप्ट सरकार चाहती है कि भारत यहां अपनी मिलिट्री प्रेजेंस भी बढ़ाए।
दोनों देशों के बीच सीक्रेट मिलिट्री डील होने की भी खबरें हैं। जनवरी में राजस्थान के जैसलमेर में दोनों सेनाओं ने कम्बाइंड ट्रेनिंग भी की थी। 2021-22 में दोनों देशों के बीच बाइलेट्रल ट्रेड 7.26 अरब डॉलर था। खास बात ये है कि ये बीते साल की तुलना में 60 फीसदी ज्यादा था। अब मोदी और प्रेसिडेंट सीसी इसे पांच साल में 12 अरब डॉलर तक ले जाना चाहते हैं।
इजिप्ट सुएज नहर को इकोनॉमिक जोन में बदलना चाहता है। ये करीब 460 किलोमीटर लंबा ट्रेड स्ट्रैच है। इसमें अफ्रीका, अरब और यूरोप के 6 अहम पोर्ट शामिल हैं। चीन इस प्रोजेक्ट पर एक अरब डॉलर खर्च कर रहा है। वो इसे बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव का हिस्सा बनाना चाहता है। भारत इससे अच्छी तरह वाकिफ है और वक्त रहते यहां ज्यादा निवेश करना चाहता है।