Categories
Vote / Poll
BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?
Vote / Poll
डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?
Vote / Poll
कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?
Vote / Poll
फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?
Recent Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!
Recommended Posts
Featured Posts
अफगानिस्तान में दो प्राइमरी स्कूलों की 80 बच्चियों को जहर दिया, अस्पयताल में भर्ती; तालिबान ने कहा- किसी की साजिश, जांच चल रही
The Fact India: अफगानिस्तान में 80 बच्चियों को जहर दिए जाने का मामला सामने आया है। सभी दो प्राइमरी स्कूलों की छात्रा बताई जा रही हैं। दोनों स्कूल आस-पास बताए जा रहे हैं। इलाज के लिए इन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना को लेकर तालिबान ने कहा है कि ये किसी की साजिश है। मामला अफगानिस्तान के उत्तरी इलाके के सर-ए-पुल प्रांत की है। इलाके के शिक्षा अधिकारी ने यह जानकारी दी है। अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद ये पहला ऐसा मामला है।
सर-ए-पुल के एजुकेशन डिपार्टमेंट के अधिकारी ने बताया कि अभी ये नहीं पता चल पाया है कि लड़कियों को जहर कैसे दिया गया। वो मामले की जांच कर रहे हैं। शुरुआती जांच से ये किसी की साजिश लग रही है। किसी ने थर्ड पार्टी के जरिए इन लड़कियों को जहर दिलाया है। जिन लड़कियों को जहर दिया गया वो एक से छठी क्लास की बताई जा रही हैं।
बता दें कि अफागानिस्तान में 2015 में भी ऐसी घटना हुई थी। तब हेरात प्रांत में स्कूल की 600 बच्चियों को जहर दिया गया था। तब भी किसी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली थी। हालांकि उस समय कई मानवाधिकार संगठनों ने तालिबान को घटना का जिम्मेदार ठहराया था। 80 बच्चियों को जहर दिए जाने की घटना तब हुई है जब चार दिन पहले अफगानिस्तान की तालिबान हुकूमत ने दुनिया के तमाम देशों से उसे मान्यता देने की बात कही है।
इसी सिलसिले में बातचीत के लिए कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन थानी 12 मई को अफगानिस्तान के कंधार गए थे। थानी ने अफगान तालिबान के सुप्रीम लीडर हेबुतुल्लाह अखुंदजादा से कंधार में सीक्रेट मीटिंग की थी। इसकी जानकारी बुधवार को सामने आई। एक रिपोर्ट के अनुसार, थानी ने अखुंदजादा से साफ कहा कि अगर वो चाहते हैं कि दुनिया तालिबान हुकूमत और अफगान सरकार को मान्यता दे तो उन्हें महिलाओं को उनके अधिकार देने होंगे। इसी मसले पर बातचीत अटक गई।