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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
10%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
33%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
11%
फिल्मों को हिट करने के लिए
44%
कुछ बता नहीं सकते
11%
Total count : 9

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पंजाब के पांच बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल का निधन, 95 साल की उम्र में ली अंतिम सांस, पीएम बोले- राजनीति की एक महान हस्ती थे

The Fact India: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के वरिष्ठ नेता  प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार को निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे। सांस लेने में परेशानी होने की शिकायत के बाद मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में बादल को भर्ती कराया गया था। वे पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। बुधवार सुबह मोहाली से बठिंडा स्थित बादल के गांव तक अंतिम यात्रा निकाली जाएगी। बादल के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा आदि नेताओं ने दुख व्‍यक्‍त किया है।

 

प्रकाश सिंह बादल के परिवार में उनके बेटे और अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल और बेटी परनीत कौर हैं। परनीत की शादी पूर्व कैबिनेट मंत्री आदिश प्रताप सिंह कैरों से हुई है।  बता दें कि जून, 2022 में उनको सीने में दर्द की शिकायत हुई थी। तब उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। कुछ समय बाद अस्पताल से उनको छुट्टी हो गई थी। सितंबर, 2022 में फिर सेहत बिगड़ने के बाद उन्हें चंडीगढ़ के पीजीआई में भर्ती कराया गया था।

 

2022 में पंजाब में हुए विधानसभा का चुनाव में बादल हार गए थे। उनके राजनीतिक करियर की यह पहली हार थी। अधिक उम्र के कारण वे चुनाव लड़ना नहीं चाहते थे, लेकिन बेटे सुखबीर बादल के कहने और पंजाब में अकाली दल की दयनीय स्थिति को देखते हुए प्रकाश सिंह बादल चुनावी मैदान में उतरे थे। साल 1947 में प्रकाश सिंह बादल ने राजनीति शुरू की थी। उन्होंने सरपंच का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। तब वे सबसे कम उम्र के सरपंच बने थे। 1957 में उन्होंने पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। 1969 में उन्होंने दोबारा जीत हासिल की। 1969-70 तक वे पंचायत राज, पशु पालन, डेयरी आदि मंत्रालयों के मंत्री रहे।

 

इसके अलावा वे 1970-71, 1977-80, 1997-2002 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने। वे 1972, 1980 और 2002 में विरोधी दल के नेता भी बने। मोरारजी देसाई के प्रधानमंत्री रहते वे सांसद भी चुने गए। 2022 का पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद वे सबसे अधिक उम्र के उम्मीदवार भी बने। बादल के निधन पर दुख जताते हुए पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा है कि प्रकाश सिंह बादल के निधन से अत्यंत दु:ख हुआ। वह भारतीय राजनीति की एक महान हस्ती थे और एक उल्लेखनीय राजनेता थे। उन्होंने हमारे देश के लिए बहुत योगदान दिया है। उन्होंने पंजाब की प्रगति के लिए अथक परिश्रम किया और कठिन समय में राज्य को सहारा दिया।

 

राजनाथ सिंह ने लिखा है कि  प्रकाश सिंह बादल एक राजनीतिक दिग्गज थे जिन्होंने कई दशकों तक पंजाब की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपने लंबे राजनीतिक और प्रशासनिक जीवन में उन्होंने किसानों और हमारे समाज के अन्य कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए कई उल्लेखनीय योगदान दिए। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लिखा, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के निधन की खबर अत्यंत दुखद है। वह भारतीय राजनीति की एक महान हस्ती थे जिनका पंजाब के विकास में योगदान अतुलनीय है और हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।

पंजाब के पांच बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल का निधन, 95 साल की उम्र में ली अंतिम सांस, पीएम बोले- राजनीति की एक महान हस्ती थे

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