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निलंबित मेयर मुनेश गुर्जर बोलीं- मेरी और मंत्री की कॉल डिटेल की जांच कर ली जाए; खाचरियावास बोले- सरकार का फैसला स्वागत योग्य
The Fact India: जयपुर नगर निगम हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर को राजस्थान सरकार ने निलंबित कर दिया है। स्वायत्त शासन विभाग ने मुनेश के निलंबन के आदेश जारी किए। निलंबन का ऑर्डर जारी कर विभाग के डायरेक्टर हृदेश कुमार शर्मा ने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने मेयर पति सुशील गुर्जर और उनके दो दलालों को 2 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था। उनके घर से 41 लाख से ज्यादा की नकदी भी बरामद हुई। एसीबी टीम जल्द ही मेयर मुनेश से भी पूछताछ कर सकती है।
इधर, निलंबन के बाद मुनेश गुर्जर ने कहा कि मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और मेरी कॉल डिटेल निकलवाकर जांच कर ली जाए। वहीं, मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि गुर्जर ने उनके साथ विश्वासघात किया है।
खाचरियावास ने कहा कि राजस्थान सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है। कोई भी व्यक्ति जो भ्रष्टाचार करता है। उसके खिलाफ इसी तरह की सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। जिस पार्टी और आदमी ने इन्हें यहां तक पहुंचाया, इन दोनों ने उसी आदमी के साथ विश्वासघात किया।
हृदेश कुमार शर्मा ने बताया कि मुनेश गुर्जर के मेयर पद पर बने रहने से विचाराधीन जांच प्रक्रिया को प्रभावित करने की पूरी संभावना है। इसे ध्यान में रखते हुए राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39(6) के अन्तर्गत आने वाली शक्तियों का प्रयोग करते हुए मुनेश गुर्जर को मेयर और पार्षद के पद से भी तुरंत प्रभाव से निलंबित किया गया है।
उन्होंने कहा कि कार्रवाई के दौरान परिवादी के पट्टे की फाइल भी मेयर निवास से मिली है। मुनेश गुर्जर उस समय घर पर मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि मुनेश की मौजूदगी में मेयर पति ने 2 लाख रुपए की रिश्वत ली थी। इस पूरे मामले की शुरुआती जांच में मेयर की मिलीभगत का शक है।