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आर्थिक तंगी से जूझ रहा तालिबान अब बुद्ध प्रतिमाओं से कर रहा कमाई; 22 साल पहले बामियान इलाके में वर्ल्ड हेरिटेज मूर्ति को तोड़ा गया था
The Fact India: अफगानिस्तान के बामियान इलाके में बुध की प्रतिमाओं को तोड़ने वाला तालिबान अब उन्हीं से कमाई कर रहा है। आर्थिक तंगी से जूझ रहा तालिबान अब बुद्ध की उन मूर्तियों को देखने के लिए टिकट बेच रहा है। यहां अफगान पर्यटकों के लिए 3 रुपए और विदेशी पर्यटकों के लिए 282 रुपए का टिकट रखा गया है। 22 साल पहले तालिबानी ने ही इन प्रतिमाओं को तुड़वा दिया था। एक अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि अफगानिस्तान के बामियान इलाके में बुद्ध की मूर्तियां टूरिज्म के जरिए कमाई का जरिया बन रही हैं।
अफगानिस्तान के सबसे गरीब प्रांतों में बामियान शामिल है। हिंदुकुश की पहाड़ियों के बीच बसे बामियान के ज्यादातर लोग सिर्फ आलू की खेती और कोयले के खनन पर निर्भर हैं। यूनेस्को ने 2003 में बामियान को ऐतिहासिक स्थल का दर्जा दिया था। अब बुद्ध की मूर्तियों की खाली जगह के सामने बंदूकधारी गार्ड तैनात हैं। यहां पर 2015 के बाद से लेजर शो होता है। पिछले साल 2 लाख से भी ज्यादा अफगान पर्यटक बामियान पहुंचे थे। इनमें से हर व्यक्ति ने औसत 5 हजार रुपए खर्च किए थे।
अफगानिस्तान की मौजूदा तालिबान सरकार सत्ता में आने के बाद से बामियान को विकसित करने में जुटी हुई है। हालिया सरकार अपने आप को पुराने तालिबान से ज्यादा उदारवादी दिखाना चाहती है। बामियान में कई जगह लिखा मिलता है कि ‘आतंकी तालिबानी समूह’ ने बुद्ध की प्रतिमाएं तोड़ी हैं। हालांकि सब जगह पर ‘आतंकी’ शब्द को खुरच दिया है।
तालिबान के कल्चर मिनिस्टर अतीकुल्लाह अजीजी ने एक इंटरव्यू में कहा कि बामियान और बुद्ध जितना दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है, उतने ही हमारी सरकार के लिए भी महत्वपूर्ण है। इनकी सुरक्षा के लिए एक हजार गार्ड नियुक्त किए गए हैं। ये इलाके में टिकट की भी निगरानी कर रहे हैं। वहीं, सूचना और सांस्कृतिक विभाग के निदेशक सैफुर्रहमान मोहम्मदी ने कहा कि दो दशक पहले हुई घटना के बारे में अभी बात करने से कोई मतलब नहीं है। अब आगे बढ़ने का समय है।