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एआई-ड्रोन ने अपने ही ऑपरेटर को ही मारा; अमेरिकी एयरफोर्स ने किया दावा- मिशन में दखलअंदाजी करने पर खत्म करने का किया फैसला
The Fact India: वर्चुअल टेस्ट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ड्रोन ने अपने ही ऑपरेटर को मार दिया। यह टेस्ट वर्चुअली हुआ था इसलिए हकीकत में किसी इंसान को नुकसान नहीं पहुंचा बल्कि वर्चुअल ऑपरेटर की हत्या हुई। ये दावा अमेरिका की एयरफोर्स के कर्नल टकर किंको हैमिल्टन ने किया है। कर्नल टकर किंको हैमिल्टन के मुताबिक, घटना पिछले महीने की है जब वो एआई से चलने वाले एक ड्रोन की वर्चुअल टेस्टिंग कर रहे थे।
हैमिल्टन ने बताया कि टेस्ट के दौरान एआई सिस्टम को लगने लगा कि ऑपरेटर उसके मिशन को डिस्टर्ब कर रहा है। इसके बाद उसने ऑपरेटर को ही खत्म कर दिया। अमेरिकी एयरफोर्स ने डिफेंस सेक्टर में एआई के इस्तेमाल से जुड़े खतरों का एक उदाहरण पेश करने का दावा किया है। हैमिल्टन के मुताबिक, एआई ड्रोन को दुश्मन के एयर डिफेंस तबाह करने के लिए ऑपरेटर ने आदेश दिए थे। इसके तहत उसे सरफेस टू एयर मिसाइल को ट्रैक कर उसे हवा में ही तबाह करना था। इसके बाद ऑपरेटर ने मिशन के बीच में ही एआई ड्रोन को अटैक करने से मना कर दिया।
इसके बाद एआई ड्रोन ने ऑपरेटर को ही रास्ते से हटाना चाहा और उस पर अटैक कर दिया। द इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक एआई को लगा कि ऑपरेटर उसके मिशन में दखलअंदाजी कर रहा है, इस लिए उसने ऑपरेटर को ही मारने का फैसला कर लिया। टकर ने बताया कि जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को ऑपरेटर को मारने से मना किया गया तो उसने कम्युनिकेशन के लिए बनाए गए टावर्स को तबाह करना शुरू कर दिया जिसके बिना एआई सिस्टम को निर्देश नहीं दिए जा सकते हैं।
हालांकि, अमेरिकी एयरफोर्स के प्रवक्ता एन स्टीफनेक ने टकर के दावों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा हमने इस तरह का कोई वर्चुअल टेस्ट नहीं किया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के गॉडफादर माने जाने वाले डॉक्टर ज्यॉफ्रे हिंटन ने एआई को दुनिया के लिए खतरा बताया था। उन्होंने कहा था कि यह मानवता के लिए खतरा है। अभी यह वरदान जैसा लग रहा हो, लेकिन ऐसा है नहीं।