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कक्षा छह से 12वीं तक की छात्राओं को फ्री सेनेटरी पैड देने की मांग, सुप्रीम कोर्ट बोला- केंद्र चार हफ्ते में यूनिफॉर्म पॉलिसी बनाए
- April 10, 2023 Author : Santosh Pandey
The Fact India: सुप्रीम कोर्ट से स्कूल में कक्षा 6 से 12वीं तक की छात्राओं को सेनेटरी पैड मुफ्त दिए जाने की मांग की गई है। एडवोकेट वरिंदर कुमार शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर किया है। सोमवार को उस याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया है। इसमें कहा गया है कि मेंस्ट्रुअल हाइजीन पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए चार हफ्ते के अंदर एक समान (यूनिफॉर्म) पॉलिसी बनाकर रिपोर्ट पेश की जाए।
स्कूली छात्राओं को फ्री में सेनेटरी पैड देने संबंधी याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पर्दीवाला की बेंच ने किया। सु्प्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से स्कूलों में लड़कियों के टॉयलेट की उपलब्धता और सेनेटरी पैड की सप्लाई को लेकर जानकारी भी मांगी है। साथ ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सेनेटरी पैड और सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन के लिए किए गए खर्च का ब्यौरा देने को भी कहा है।
दरअसल, एडवोकेट वरिंदर कुमार शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके लड़कियों की स्वास्थ्य सुरक्षा पर चिंता जताई थी। याचिका में कहा गया था कि पीरियड में होने वाली दिक्कतों के कारण कई लड़कियां स्कूल छोड़ देती हैं। इसकी वजह उनके परिवार के पास सेनेटरी पैड दिलाने लायक पैसे नहीं होते हैं। कपड़ा यूज करके उन दिनों में स्कूल जाना परेशानी का कारण बनता है।
याचिका में कहा गया है कि स्कूलों में भी लड़कियों के लिए फ्री सेनेटरी पैड की सुविधा नहीं है। इससे उनके पढ़ाई प्रभावित हो रही है। स्कूलों में यूज्ड पैड को डिस्पोजल करने की सुविधा भी नहीं है। इस वजह से भी लड़कियां पीरियड्स में स्कूल नहीं जा पाती हैं। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से एसएसजी ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि वह लड़कियों के लिए पीरियड्स के दौरान स्वास्थ्य और स्वच्छता में सुधार के लिए समर्पित है। लेकिन स्वास्थ्य सेवाएं देने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है।
- Post By Santosh