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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
10%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
33%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
11%
फिल्मों को हिट करने के लिए
44%
कुछ बता नहीं सकते
11%
Total count : 9

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आर्टेमिस-2 : 2025 में चांद पर उतरेंगे एस्ट्रोनॉट्स, अगले साल लॉन्च होगा नासा का मिशन

आर्टेमिस-2 : 2025 में चांद पर उतरेंगे एस्ट्रोनॉट्स, अगले साल लॉन्च होगा नासा का मिशन
Pooja Parmar
April 4, 2023

नासा 50 साल बाद चांद पर एस्ट्रोनॉट्स भेजने वाला है। आर्टेमिस-2 मिशन के तहत अगले साल चार एस्ट्रोनॉट्स चांद के चारों तरफ चक्कर लगाकर वापस धरती पर आएंगे। इस क्रू में पहली बार एक महिला और एक अफ्रीकन-अमेरिकन (अश्वेत) एस्ट्रोनॉट भी शामिल होगा। अपोलो मिशन के 50 साल से ज्यादा समय के बाद कोई इंसान चंद्रमा तक जाएगा।

10 दिन के इस मून मिशन के लिए क्रिस्टीना हैमॉक कोच को विशेषज्ञ के तौर पर चुना गया है। इससे पहले क्रिस्टीना सबसे ज्यादा समय तक अंतरिक्ष में रहने का रिकॉर्ड बना चुकी हैं। उनके अलावा अमेरिकी नेवी के विक्टर ग्लोवर को भी बतौर पायलट चुना गया है। वो पहले ब्लैक एस्ट्रोनॉट होंगे जो मून मिशन पर स्पेस जाएंगे। 

मिशन के लिए चुने गए 4 में से 3 एस्ट्रोनॉट्स अमेरिका के हैं जबकि एक कनाडाई है। इन नामों की घोषणा ह्यूस्टन स्थित जॉनसन स्पेस सेंटर से की गई। मून मिशन के दौरान एस्ट्रोनॉट्स चांद पर कदम नहीं रखेंगे। ये एक फ्लाईबाई मिशन है जिसके तहत एस्ट्रोनॉट्स सिर्फ चांद के चक्कर लगाकर वापस आ जाएंगे। हालांकि अगर ये मिशन सफल होता है 2025 में आर्टेमिस-3 मिशन भेजा जाएगा, जिसमें जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स चांद पर पैर रखेंगे। 

आर्टेमिस-2 मिशन के दौरान करीब 22 लाख किलोमीटर की यात्रा करेगा। इसका मकसद ये जांचना है कि ओरियन स्पेसशिप के सभी लाइफ-सपोर्ट सिस्टम ठीक से डिजाइन किए गए हैं। जिससे एस्ट्रोनॉट्स को डीप स्पेस में जाने और 2025 में मून लैंडिंग के दौरान परेशानी न हो। आर्टेमिस II वापस लौटने से पहले चंद्रमा के सुदूर भाग से कुछ 10,300 किलोमीटर दूर तक जाएगा।

नासा ने 15 नवंबर, 2022 को तीसरी कोशिश में आर्टेमिस-1 मिशन लॉन्च किया था। ये 25 दिन बाद 14 लाख मील की यात्रा पूरी करके 10 दिसंबर को धरती पर लौट आया था। इससे पहले दिसंबर 1972 में अपोलो-17 मिशन ही चांद के इतने करीब पहुंचा था।

 

आर्टेमिस-2 : 2025 में चांद पर उतरेंगे एस्ट्रोनॉट्स, अगले साल लॉन्च होगा नासा का मिशन

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