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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
10%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
33%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
11%
फिल्मों को हिट करने के लिए
44%
कुछ बता नहीं सकते
11%
Total count : 9

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अवैध रूप से भारत में आए बांग्लादेशी भाई बहन गिरफ्तार

अवैध रूप से भारत में आए बांग्लादेशी भाई बहन गिरफ्तार
Manish Gaur
February 1, 2024

ये दोनों भाई-बहन अजमेर के दरगाह क्षेत्र में फर्जी पहचान पत्र बनाकर किराए पर रह रहे थे। ये दोनों दूसरी बार भारत में घुसे थे। इनके पास से फर्जी आधार कार्ड मिला है। इसमें दोनों को पश्चिम बंगाल के चौबीस परगना इलाके का निवासी बताया गया है। दोनों करीब दो महीने से अजमेर में रहकर कपड़ों का कारोबार कर रहे थे। सीआईडी ने शक के आधार पर इन्हें गिरफ्तार किया था, लेकिन पुलिस की पूछताछ में इनकी हकीकत सामने आ गई।

  
युवती महमूदा अख्तर पहले दो बार वीजा लेकर भारत आ चुकी है। उस दौरान महमूदा ने हैदराबाद, कलकत्ता, अजमेर सहित भारत के अलग-अलग जगहों पर घूम-घूमकर काम किया था। हालाँकि, जब कोविड का प्रकोप फैला तो वह वापस बांग्लादेश लौट गई थी। महमूदा ने पुलिस को बताया कि इस बार वीजा नहीं मिला तो वह एजेंटों के जरिए अवैध रूप से भारत में घुस आई। 
 
 
15 हजार में की दलाल के जरिए भारत में एंट्री 
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, गिरफ्त में आए बांग्लादेशी भाई-बहन के नाम नाहिद हुसैन (21) और महमूदा अख्तर (30) हैं। ये बांग्लादेश के मुंशीगंज जिले के रहने वाले हैं। बांग्लादेश की राजधानी ढाका से सटे मुंशीगंज जिले में कामकाज की कमी को देखते हुए दोनों भाई-बहन ने भारत में आने की योजना बनाई थी। दोनों दो माह से अजमेर में रह रहे थे। पुलिस से पूछताछ में उन्होंने बताया है कि सिर्फ 15 हजार रुपए में बांग्लादेश के लोगों को भारत में एंट्री मिल जाती है। ये कोई मुश्किल काम नहीं है। उनका कहना है कि बॉर्डर पर भारत और बांग्लादेश के लोग मिले हुए होते हैं। बॉर्डर इलाके में कई दलाल सक्रिय हैं, जो रुपए लेकर बॉर्डर पार कराने का काम करते हैं। 

बाड़ के नीचे से मिलती है एंट्री 
बांग्लादेशी घुसपैठियों ने बताया कि उन्हें बाड़ के नीचे से एंट्री मिल जाती है। ऐसा किसी एजेंट के जरिए ही किया जाता है। भारत में आने के बाद वो फर्जी कागज और पहचान पत्रों के दम पर अपनी आगे की जिंदगी जीते हैं। दोनों ने बताया कि लॉकडाउन से पहले भी वे भारत में ही थे। इस बार वो दूसरी बार भारत आए हैं। दोनों भाई-बहन अजमेर के दरगाह थाना क्षेत्र के नला बाजार में किराए पर कमरा लेकर रहते थे। दोनों ने नाम भी बदल लिया था। इस तरह सुरक्षा एजेंसियों की आंखों में धूल झोंक कर दोनों भाई-बहन अजमेर में रहकर बिजनेस कर रहे थे। हालांकि, उनकी पोल खुल गई और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
 

अजमेर बना हुआ है घुसपैठियों का अड्डा 
बता दें कि अजमेर के भाजपा नेताओं और पदाधिकारियों ने कई बार जिला पुलिस और इंटेलिजेंस को दरगाह के साथ ही अजमेर के अलग-अलग इलाकों में बांग्लादेशियों के अवैध रूप से रहने की शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। राजस्थान के अजमेर में वह दरगाह इलाके में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों की एक बड़ी संख्या है। पिछले कई सालों में यहाँ कई बांग्लादेशी घुसपैठिए गिरफ्तार किए गए हैं। इस समस्या को देखते हुए राजस्थान सरकार ने पुलिस उपाधीक्षक गौरी शंकर को नोडल अधिकारी बनाया गया है। उन पर बांग्लादेशियों को योजनाबद्ध तरीके से दबोचने का जिम्मा दिया गया है।

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