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विदेश मंत्री बोले- इंदिरा गांधी ने मेरे पिता को कैबिनेट सेक्रेटरी के पद हटाया, वे बहुत ईमानदार थे
- February 21, 2023 Author : Team Fact India JP
The Fact India: एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में विदेश मंत्री एस जयशंकर का दर्द छलक उठा। इंटरव्यू में पहली बार उन्होंने अपने पिता के साथ हुई नाइंसाफी के लिए इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को दोषी बताया। जयशंकर ने कहा कि मेरे पिता डॉ. के सुब्रमण्यम कैबिनेट सेक्रेटरी थे। 1980 में जब इंदिरा गांधी दोबारा चुनकर सत्ता में आईं, तो सबसे पहले मेरे पिता को पद से हटा दिया। मेरे पिता बहुत ईमानदार शख्स थे और शायद समस्या यही थी। वह उसके बाद कभी सेक्रेटरी नहीं बने। जयशंकर ने कहा कि राजीव गांधी के कार्यकाल में भी मेरे पिता से जूनियर अधिकारी को कैबिनेट सेक्रेटरी बनाया गया।
एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि 2011 में बीजिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मैं पहली बार मिला था। तब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे। यहीं से हमारा साथ शुरू हुआ। पहली मुलाकात में उन्होंने मुझ पर गहरी छाप छोड़ी। जब बीजिंग में हम मिले तो बिजनेस ब्रीफिंग के बाद उन्होंने मुझे अलग बुलाकर कहा कि हमारी सरकार का चीन को लेकर अभी क्या स्टैंड है ये आप मुझे इसके डिप्लोमैटिक प्वाइंट्स भी समझा दीजिए। मैं भले ही दूसरी पार्टी से हूं, लेकिन चीन जैसे देश में ऐसा कुछ नहीं कहना चाहता जो हमारी सरकार की लाइन से अलग हो। ये मेरे लिए हैरानी की बात थी क्योंकि इससे पहले किसी मुख्यमंत्री ने मुझसे ये नहीं पूछा था। इसके बाद उनके प्रधानमंत्री बनने तक हमारी मुलाकात नहीं हुई।
अपने पिता के साथ हुई नाइंसाफी का जिक्र करते हुए जयशंकर ने बताया कि मेरे पिता के. सुब्रमण्यम ब्यूरोक्रेट थे। वे जनता सरकार में डिफेंस प्रोडक्ट के सेक्रेटरी थे। 1980 में जब इंदिरा गांधी दोबारा प्रधानमंत्री बनीं, तो मेरे पिता पहले सेक्रेटरी थे, जिन्हें पद से हटाया गया। लोगों का मानना था कि वे बहुत काबिल इंसान हैं, बहुत जानकार हैं और ईमानदार व्यक्ति हैं, हो सकता है यही वजह बनी कि उन्हें हटा दिया गया। फिर वे कभी सेक्रेटरी नहीं बन पाए। राजीव गांधी की सरकार में उनके जूनियर को कैबिनेट सेक्रेटरी बना दिया गया।
इस बारे में हम लोग कभी बात नहीं करते थे, लेकिन ये बात उनके अंदर दबी रही। जब मेरे बड़े भाई सेक्रेटरी बने तो उन्हें बेहद गर्व हुआ। 2011 में उनकी मृत्यु हो गई। मैं उसके बाद सेक्रेटरी बन पाया। पिता के देहांत के समय मैं सेक्रेटरी तो नहीं बन पाया था, लेकिन मुझे ग्रेड-1 पद मिला था, जो सेक्रेटरी जैसा ही होता है। उनके देहांत के बाद मैं सेक्रेटरी बना। मैं रिटायरमेंट लेने को तैयार था। मैंने टाटा संस जॉइन किया। अचानक से मेरे पास राजनीति से जुड़ने का मौका आया। प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे कैबिनेट मिनिस्टर बनने का प्रस्ताव दिया था। मैं इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं था, इसलिए मैंने इसके बारे में सोचने के लिए समय लिया और उनके प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।
बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर जयशंकर ने कहा कि आजकल विदेशी मीडिया और विदेशी ताकतें पीएम मोदी को टारगेट कर रही हैं। एक कहावत है- वॉर बाय अदर मीन्स, यानी युद्ध छेड़ने के दूसरे उपाय। ऐसे ही यहां पॉलिटिक्स बाय अदर मीन्स यानी दूसरे उपायों से पॉलिटिक्स की जा रही है। जयशंकर बोले- अगर आपको डॉक्यूमेंट्री बनाने का शौक है तो दिल्ली में 1984 में बहुत कुछ हुआ। हमें उस घटना पर डॉक्यूमेंट्री देखने को क्यों नहीं मिली।
विदेश मंत्री से पूछा गया कि हाल ही में अमेरिकी बिजनेसमैन जॉर्ज सोरोस ने पीएम मोदी को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया था, भाजपा इसे साजिश बता रही है। इस पर जयशंकर ने कहा कि ये सब कुछ साजिश के तहत किया जा रहा है। बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री और जॉर्ज सोरोस के बयान की टाइमिंग कोई संयोग नहीं है। इसका सीधा मतलब ये है कि भारत में चुनावी मौसम शुरू हुआ हो या नहीं, लंदन और न्यूयॉर्क में हो चुका है।
- Post By Team Fact India